जम्मू कश्मीर के डिग्री कालेजों में अंडर ग्रेजुएट के लिए अब चार साल की होगी डिग्री
पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे पर विचार-विमर्श करने के बाद रोडमैप की तरफ आगे बढ़ा जा रहा है। इसमें यह तय कर लिया गया है कि कालेजों में अंडर ग्रेजुएट डिग्री चार साल की हाेगी। इसे ऑनर्स डिग्री कोर्स कहा जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अगले अकादमिक सत्र 2022-23 से डिग्री कालेजों में अंडर ग्रेजुएट की डिग्री चार साल की होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के ढांचे में बदलाव किया जा रहा है। पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे पर विचार-विमर्श करने के बाद रोडमैप की तरफ आगे बढ़ा जा रहा है। इसमें यह तय कर लिया गया है कि कालेजों में अंडर ग्रेजुएट डिग्री चार साल की हाेगी। इसे ऑनर्स डिग्री कोर्स कहा जाएगा।
कालेजों में डिग्री कोर्स का एक साल पूरा करने के बाद विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट कोर्स, दो साल की डिग्री के बाद डिप्लोमा मिलेगा। तीन साल की अवधि के बाद डिग्री दी जाएगी और चार साल के बाद विद्यार्थियों को ऑनर्स डिग्री मिलेगी। जो विद्यार्थी ऑनर्स की डिग्री करेंगे उन्हें पीजी की डिग्री के लिए दो साल नहीं, बल्कि एक साल का समय लगेगा। उच्च शिक्षा विभाग और विभिन्न विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर लगातार कार्य कर रहे हैं। डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम में भी बदलाव होगा। विषयों को चुनने के सिस्टम में भी तबदीली की जाएगी। इलेक्टिव विषय, आवश्यक विषय का सिस्टम बदलेगा।
वोकेशनल कोर्स व कौशल विकास से संबंधित विषय भी लागू होंगे। अभी अगले अकादमिक सत्र को शुरू करने में काफी समय है इसलिए इसका पूरा फ्रेमवर्क तैयार होकर इसे विश्वविद्यालयों के बोर्ड आफ स्टडीज में जाएगा जो पाठ्यक्रम को मंजूर की बाडी हैं। पिछले दिनों उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे पर चर्चा की गई थी।
यह फैसला हो चुका है कि अंडर ग्रेजुएट की डिग्री चार साल की होगी। जम्मू विश्वविद्यालय के अकादमिक मामलों के डीन प्रो. नरेश पाधा ने कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर काम कर रहा है। कालेजों के प्रिसिंपल, बोर्ड के स्टडीज के कनवीनर के सुझाव लिए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम हो रहा है। पाठ्यक्रम में ऐसे चैप्टर भी शामिल होंगे जो विद्यार्थियों को मार्केट में रोजगार दिलाने में मददगार साबित होंगे।