Move to Jagran APP

Jammu Lockdown Effect: लॉकडाउन से कटा प्रदूषण का ग्रहण, जम्मू शहर की आबोहवा स्वच्छ हो गई

तवी नदी के किनारों पर शिवालिक पहाड़ियों के निचले हिस्से में बसे जम्मू के स्वच्छ पर्यावरण पर प्रदूषण का जो ग्रहण लगा था वो कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन हट गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 01:15 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 01:15 PM (IST)
Jammu Lockdown Effect: लॉकडाउन से कटा प्रदूषण का ग्रहण, जम्मू शहर की आबोहवा स्वच्छ हो गई
Jammu Lockdown Effect: लॉकडाउन से कटा प्रदूषण का ग्रहण, जम्मू शहर की आबोहवा स्वच्छ हो गई

जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना वायरस को हराने के लिए जारी लॉकडाउन से जम्मू शहर की आबोहवा भी स्वच्छ हो गई है। लॉकडाउन का सबसे बड़ा फायदा शहर के पर्यावरण को हुआ है। घातक स्तर पर पहुंच चुकी जम्मू की आबोहवा वाहन और औद्योगिक गतिविधियां बंद होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई है। जम्मू के एयर क्वालिटी इंडेक्स में करीब चालीस फीसद तक का सुधार हुआ है। आम दिनों में जम्मू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100-120 के आसपास आता है लेकिन चंद दिनों से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मंगलवार को जम्मू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 68 रिकॉर्ड किया गया।

loksabha election banner

तवी नदी के किनारों पर शिवालिक पहाड़ियों के निचले हिस्से में बसे जम्मू के स्वच्छ पर्यावरण पर प्रदूषण का जो ग्रहण लगा था, वो कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन हट गया है। पिछले दो दशक में जम्मू शहर का प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ रहा था। हालात यह बन चुके थे कि शहर का प्रदूषण स्तर सामान्य से 15-20 फीसद ऊपर पहुंच चुका था। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार अगर किसी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ऊपर आता है तो वह बच्चों, बुजुर्गो व सांस के रोगियों के लिए अच्छा नहीं। फरवरी-मार्च में जम्मू इसी संवेदनशील श्रेणी में था लेकिन अब सुधार हुआ है।

चार मानकों की होती है जांचः यूं तो किसी शहर के प्रदूषण स्तर की जांच के लिए बारह मानक निर्धारित हैं लेकिन ऐसा केवल उन्हीं शहरों के लिए है जहां पर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। जम्मू में मैन्युअल तरीके से आंकड़े जुटाए जाते हैं। इस श्रेणी के शहरों के लिए प्रदूषण के तीन मानकों की नियमित जांच अनिवार्य है। बोर्ड की ओर से बड़ी ब्राह्मणा, नरवाल स्थित बोर्ड कार्यालय व मौलाना आजाद स्टेडियम में नियमित जांच होत है।

आरएसपीएम/पीएम 10 : रेसपीरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर

  • यह ऐसे धूल कण होते हैं जिनका आकार 10 माइक्रॉन तक होता है।
  • यह ऐसे धूल कण होते हैं जिनकी मात्र अगर हवा में अधिक हो तो यह सांस के माध्यम से शरीर में जाकर पेट संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। किसी भी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स जानने का यह अहम मानक निर्धारित किया गया है।

पीएम 2.5 : ऐसे पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 2.5 माइक्रॉन या उससे कम होता है। यह धूल कण सबसे खतरनाक होते हैं क्योंकि यह सांस से फेफड़ों तक चले जाते हैं जो अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ 2) : यह गैस भारी मात्र में उच्चतम तापमान पर ऑक्सीजन के जलने से पैदा होती है। ऐसा अक्सर बड़ी-बड़ी फैक्टरियों में विशालकाय भट्ठियों में उत्पादन के दौरान होता है। लिहाजा जम्मू की हवा में इसका प्रभाव भी काफी कम है।

सल्फर ऑक्साइड (एसओ 2) : यह गैस भारी मात्र में कोयले के जलने पर पैदा होती है। ऐसा अक्सर थर्मल प्लांट या बड़ी भट्ठियों में होता है जिनकी जम्मू में संख्या न के बराबर है। इस कारण शहर की आबोहवा में इसका प्रभाव भी सुरक्षित सीमा से नीचे ही है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स

  • 0-50 : सेहत के लिए सबसे अच्छा
  • 51-100 : हल्का प्रदूषित 
  • 101-150 : संवेदनशील
  • 151-200 : अस्वस्थ / हानिकारक
  • 201-300 : बहुत हानिकारक
  • 301-500 : खतरनाक

- लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में जम्मू शहर का प्रदूषण स्तर काफी कम था। अगर अप्रैल के पहले सप्ताह की बात करें तो उस समय जिले में वायु प्रदूषण आज के मुकाबले कम था। अप्रैल के पहले सप्ताह शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से नीचे था लेकिन अब कुछ औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन शुरू होने, ईंट भट्ठों में उत्पादन शुरू होने, सरकारी कार्यालयों के खुलने से सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने तथा सभी प्रकार के ट्रकों व सप्लाई वाहनों को सड़क पर उतरने की अनुमति मिलने से प्रदूषण का स्तर पहले से कुछ बढ़ा है लेकिन अभी भी एक संतोषजनक स्तर पर है। - डॉ. यशपाल, वैज्ञानिक जेएंडके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.