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जन्नत को जहन्नुम बनाने पर तुले हैं आतंकी, लोगों ने कहा-बेगुनाहों को कत्ल करने वाले इस्लाम व कश्मीर के दुश्मन

Target Killing in JK आलमदर कालोनी के दानमर्ग मोहल्ले में स्थित मुहम्मद इब्राहिम के घर से रोने और चीखने की आवाज पत्थर को भी पिघला देने के लिए काफी थी। उसकी बहन और पत्नी को संभालना वहां मौजूद अन्य महिलाओं के लिए मुहाल हो रहा था।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 10:25 AM (IST)
जन्नत को जहन्नुम बनाने पर तुले हैं आतंकी, लोगों ने कहा-बेगुनाहों को कत्ल करने वाले इस्लाम व कश्मीर के दुश्मन
मुहम्मद इब्राहिम खान कश्मीरी हिदू डा. संदीप मावा के शोरूम में करीब 10 साल से सेल्समैन का काम करता था।

श्रीनगर, नवीन नवाज। 'बेगुनाहों को कत्ल करने वाले इस्लाम और कश्मीर के दुश्मन हैं। ऐसे लोग ही जन्नत को जहन्नुम बनाने पर तुले हैं। मासूमों को मारने वाले सिर्फ शैतान ही हो सकते हैं और खुदा कश्मीर और कश्मीरियों को ऐसे शैतानों से जल्द निजात दिलाए।' श्रीनगर में बीती रात आतंकी गोली का निशाना बने मुहम्मद इब्राहिम खान के जनाजे में उमड़ी भीड़ के चेहरे पर गम और आतंकियों के खिलाफ गुस्सा साफ नजर आ रहा था।

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मुहम्मद इब्राहिम खान डाउन-टाउन के बोहरीकदल इलाके में कश्मीरी हिदू डा. संदीप मावा के शोरूम में करीब 10 साल से सेल्समैन का काम करता था। इब्राहिम बीती रात शोरूम के बाहर डा. मावा की कार को घर पहुंचाने के लिए स्टार्ट ही कर रहा था कि अचानक आए आतंकियों ने उसकी हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि डा. मावा भी करीब आधा घंटा पहले ही वहां से निकले थे।

मंगलवार सुबह जिसने भी इब्राहिम की हत्या के बारे में सुना, वह सन्न रह गया। किसी को यकीन नहीं आ रहा था कि इब्राहिम को आतंकियों ने कत्ल कर दिया है। वह पूरे इलाके में अपनी सहृदयता और सेवा भावना के लिए जाना जाता था।

आलमदर कालोनी के दानमर्ग मोहल्ले में स्थित मुहम्मद इब्राहिम के घर से रोने और चीखने की आवाज पत्थर को भी पिघला देने के लिए काफी थी। उसकी बहन और पत्नी को संभालना वहां मौजूद अन्य महिलाओं के लिए मुहाल हो रहा था। पत्नी रोमाना गुल बार--बार कह रही थी 'मेरा खाविंद ([पति)] सिर्फ एक सीधा--साधा सेल्समैन था। फिर क्यों उसे कत्ल कर दिया। उसका क्या कसूर था। खुदा को मानने वाला कभी ऐसा जुल्म नहीं कर सकता, जिसने यह किया है, वह शैतान ही होगा। जिन्होंने हमारी जिंदगी को जहुन्नम बनाया है, खुदा उनको दोजख की आग में जलाए।'

दिवंगत इब्राहिम के चचेरे भाई बशीर अहमद ने कहा कि रोमाना अपने मां--बाप की इकलौती संतान है, उसके पिता का भी कुछ समय पहले ही देहांत हो चुका है। इब्राहिम की मौत के बाद वह फिर बेसहारा हो गई है। वह अपने दो बच्चों के साथ कैसे जिंदगी बसर करेगी। वहां मौजूदा जाहिदा नामक एक महिला ने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। वह तो एक कश्मीरी पंडित की दुकान पर सिर्फ रोजी रोटी कमाने के लिए काम करता था।

इब्राहिम के साथ डा. संदीप मावा की दुकान पर काम करने वाले जावेद अहमद ने कहा कि मैं दुकान बंद कर रहा था। इब्राहिम गाड़ी स्टार्ट कर रहा था कि अचानक गोली चलने की आवाज आई। पहले तो मुझे समझ में नहीं आया कि क्या हुआ, जब मैं गाड़ी के नजदीक पहुंचा तो अंदर सीट पर इब्राहिम खून से लथपथ प़़डा था। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, फिर पता नहीं क्यों यह जुल्म हुआ है।

पूछ रहे लोग, कश्मीर का हमदर्द कौन :

घर के आंगन में मौजूद अहसान अली नामक एक युवक ने कहा कि पता नहीं कश्मीर को किसकी नजर लग चुकी है। यहां खून खराबा थम ही नहीं रहा है। रविवार को बटमालू में एक पुलिसकर्मी तौसीफ को उसके घर के बाहर कत्ल कर दिया गया। उससे पहले यहां रोजी रोटी की तलाश में आए दो श्रमिकों के अलावा एक सिख अध्यापिका और जम्मू के एक अध्यापक को कश्मीर का दुश्मन बताकर कत्ल कर दिया गया था।

पिछले महीने डा. संदीप मावा के जीजा मक्खन लाल बिंदरू को उनकी दुकान पर कत्ल किया गया था। उन्हें भी कश्मीर का दुश्मन बताया गया, अगर यह सभी कश्मीर के दुश्मन हैं तो फिर कश्मीर का हमदर्द कौन है। कश्मीर की रूह को जख्म देने वाले कभी कश्मीर के खैरख्वाह नहीं हो सकते। 


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