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आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम की कश्मीरी हिंदुओं को धमकी, मोदी हो या शाह हिंदुस्तान में कोई आपको नहीं बचाएगा

वीरवनबारामुला कालोनी में रहने वाले एक कश्मीरी हिंदू ने दैनिक जागरण के साथ फोन पर बताया कि लश्कर-ए-इस्लाम नामक आतंकी संगठन का धमकी भरा पत्र मंगलवार की शाम को ही डाक के जरिए आया है। यह पत्र कालोनी के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने प्राप्त किया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 13 Apr 2022 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 13 Apr 2022 08:21 PM (IST)
आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम की कश्मीरी हिंदुओं को धमकी, मोदी हो या शाह हिंदुस्तान में कोई आपको नहीं बचाएगा
कश्मीर सिर्फ उन लोगों के लिए है जो अल्लाह और उसके रसूल को मानते हैं।

श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने घाटी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाते हुए कहा है कि काफिरो आप अल्लाह और उसके रसूल हजरत मोहम्मद में आस्था जताओ या फिर कश्मीर छोड़ दो,अन्यथा हम आपको नरक में भेज देंगे। यह धमकी एक पत्र के माध्यम से उत्तरी कश्मीर के बारामुला, वीरवन में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं को दी गई है। पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है, लेकिन इससे घाटी में रहने वाले अल्पसंख्यकों में एक भय और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।

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लश्कर-ए-इस्लाम ने अगस्त 2016 में कुलगाम में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं को भी इसी तरह की धमकी दी थी। वीरवन,बारामुला में घाटी में पुनर्वास के तहत प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों की एक ट्रांजिट कालोनी है। इसमें करीब 150-200 कश्मीर हिंदू परिवार रह रहे हैं। इस तरह की ट्रांजिट कालोनियां वादी के लगभग हर जिले में हैं। इन कालोनियों के अलावा कश्मीरी हिंदुओं के करीब 700 परिवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने आतंकियों की धमकी के बावजूद घाटी से पलायन नहीं किया।

वीरवन,बारामुला कालोनी में रहने वाले एक कश्मीरी हिंदू ने दैनिक जागरण के साथ फोन पर बताया कि लश्कर-ए-इस्लाम नामक आतंकी संगठन का धमकी भरा पत्र मंगलवार की शाम को ही डाक के जरिए आया है। यह पत्र कालोनी के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने प्राप्त किया और जब इसे खोला गया तो अंदर लश्कर-ए-इस्लाम नामक संगठन का फरमान पढ़ने को मिला। इससे पूरी कालोनी में दहशत फैल गई। उसी समय इसकी जानकारी जिला उपायुक्त और जिला एसएसपी को दी गई। बारामुला थाना प्रभारी भी बाद में कालोनी में आए और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का यकीन दिलाया। कालोनी में पहले ही एसएसबी का एक सुरक्षा दस्ता तैनात है। उसने कालोनी के चारों तरफ अपने बंकर बना रखे हैं, सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं, लेकिन कालोनी के बाहर सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?

उन्होंने कहा कि जब इस पत्र की खबर फैली तो कालोनी में एक महिला डर के मारे बेहोश हो गई थी। अंंग्रेजी में लिखे इस पत्र में कहा गया है काफिरो खबरदार। यह अंतिम चेतावनी है, कश्मीर छोड़ दो या मरने के लिए तैयार हो जाओ। अल्लाह के मानने वाले आप पर नजर रखे हुए हैं। आप लोगों ने कश्मीर के लोगों से दगा की है और एक-एक कर आपको मौत के घाट उतारा जाएगा। मोदी हो या शाह, हिंदुस्तान में कोई भी आपको नहीं बचा पाएगा। प्रत्येक कश्मीरी हिंदू मरेगा। कश्मीर सिर्फ उन लोगों के लिए है जो अल्लाह और उसके रसूल को मानते हैं। प्रत्येक कश्मीरी हिंदू एक इस्लामिक कश्मीर के लिए खतरा है। कुरान इस बात काे लेकर स्पष्ट है कि जो अल्लाह और उसके रसूल काे नहीं मानता,कत्ल के लायक है। हमारे भाईयों ने वह शुरु कर दिया है जो 1990 में रह गया था।

निश्चल ज्वेलर्स और बिंदरू की हत्या के साथ हमारे भाईयों ने यह काम फिर शुरु कर दिया है। कश्मीर में जो भी कश्मीरी हिंदू हैं, उसे नर्क में भेज दिया जाएगा। कश्मीरी मुस्लिम किसी काफिर को अपना दोस्त न बनाएं,अगर वह ऐसा करेंगे तो मारे जाएंगे।

कश्मीर के मुस्लिमों को काफिर हिंदुस्तान से आजादी के लिए हमारे लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। हमारे लाेग कश्मीर में चारों तरफ हैं, पुलिस में भी हैं। इसलिए काफिरो अल्लाह और उसके पैंगबर केा स्वीकार करो या फिर कश्मीर छोड़ दो अन्यथा नर्क में जाने के लिए तैयार रहो। हम जब चाहें,जहां चाहें आपको मौत के घाट उतार सकते हैं और इस दौरान अगर हम में से कुछ मारे भी जाएं तो कोई फर्क नहीं पड़ा।

काैन है लश्कर-ए-इस्लाम

कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा में लश्कर-ए-इस्लाम आतंकी संगठन 2015 में सक्रिय हुआ। इसकी कमान दुर्दांत आतंकी क्यूम नजार ने संभाली थी। पाकिस्तान के खैबर इलाके में यह संगठन 2004 से सक्रिय था और मार्च 2015 में यह तहरीके तालिबान के साथ मिल गया था। कश्मीर में इसने अपनी उपस्थिति का मोबाइल फोन टावरों को ध्वस्त कर कराया था। यह संगठन कट्टर इस्लामिक विचारधारा वाला है जो बरेलवी और शिया समुदाय को भी अपना दुश्मन व काफिर करार देता है। विचारधारा के आधार पर यह अलकायदा और आइएसआइएस जैसे जिहादी संगठनों के करीब माना जाता है। सिंतबर 2015 तक यह संगठन कश्मीर में पूरी तरह सक्रिय रहा। क्यूम नजार के पाकिस्तान भाग जाने के बाद इसकी गतिविधियां भी समाप्त हो गई और इसका कैडर भी मारा गया। क्यूम नजार 26 सितंबर 2017 को पाकिस्तान से कश्मीर में अपने नेटवर्क को फिर से तैयार करने के लिए घुसपैठ का प्रयास कर रहा था कि उड़ी में पुलिस ने उसे मार गिराया। इसके बाद यह संगठन कश्मीर में पूरी तरह समाप्त माना जा रहा था। 


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