केएएस की परीक्षा के लिए फार्म जमा कराने निकला था आतंकी
सोपोर में मारे गए अल-बदर मुजाहिदीन के दो आतंकियों में एक खुर्शीद अहमद मलिक केएएस बनने की परीक्षा के लिए फार्म जमा कराने के लिए घर से निकला था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उत्तरी कश्मीर के दुरसु-सोपोर में शुक्रवार को मारे गए अल-बदर मुजाहिदीन के दो आतंकियों में एक खुर्शीद अहमद मलिक मंगलवार को नौकरशाह (केएएस) बनने की परीक्षा के लिए फार्म जमा कराने के लिए घर से निकला था।
चार दिन बाद जब घर पहुंचा तो कफन में लिपटा। उसके साथ मारा गया दूसरा आतंकी रियाज डार 15 दिन पहले ही आतंकी बना था। दक्षिण कश्मीर के आरबाल निकास पुलवामा का रहने वाला 26 वर्षीय खुर्शीद अहमद मंगलवार की सुबह घर से गायब हुआ था।
उसके पिता गुलाम नबी मलिक ने बताया कि खुर्शीद ने कहा था कि वह राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही केएएस की परीक्षा के लिए फार्म जमा कराने जा रहा है। उसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया था। हमने उसी दिन पुलिस में रपट दर्ज कराई थी। हम जिस अनहोनी से डर रहे थे,वह उस समय सच हो गई जब सोपोर से पुलिस ने हमें बताया कि खुर्शीद आतंकी बन गया है और घेराबंदी में फंस गया है। हम लोग उसे सरेंडर करने के लिए मनाने पहुंचे थे,लेकिन वह नहीं माना।
खुर्शीद की तीन बहनें और एक भाई है। तीनों बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि उसके पिता सरकारी सेवा से कुछ समय पहले ही सेवानिवृत्त हुए हैं। उसके बड़े भाई क्यूम मलिक ने कहा कि पता नहीं मेरा भाई कैसे इस रास्ते पर चला गया। उसने गेट की परीक्षा भी पास की थी। वह तो पुलिस अफसर बनना चाहता था। इसके लिए उसने पुलिस के एग्जीक्यूटिव विंग में सब इंस्पेक्टर की 24 जून को हुई परीक्षा में भी भाग लिया था। उसने पुलिस के एग्जीक्यूटिव विंग में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में 120 में से 84 और पुलिस के टेलीकॉम विंग में सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा में 100 में से 64 अंक प्राप्त किए थे।
मैट्रिक और 12वीं की परीक्षा मे उसने 80 फीसद से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे। उसने कटड़ा स्थित एक इंजीनिय¨रग कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। क्यूम मलिक ने कहा कि उसने बंदूक का रास्ता क्यों चुना, यह मुझे नहीं पता। लेकिन उसकी मौत ने पूरे घर को तबाह कर दिया है। रियाज तीन माह पहले छूटा था जेल से खुर्शीद के साथ मारा गया दूसरा आतंकी रियाज अहमद डार दुरसु से कुछ ही दूरी पर स्थित नसीराबाद का रहने वाला था। उसने 11वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
वह सोपोर के नामी पत्थरबाजों में एक था और आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करता था। उसे पिछले साल पुलिस ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में पकड़ा था। वह पीएसए के तहत लगभग एक साल जेल में बंद रहा और तीन माह पहले रिहा हुआ था। जेल से रिहा होने के कुछ दिनों बाद तक वह अपने घर में रहा और 18 जुलाई को वह अचानक लापता हो गया था। 20 जुलाई को उसका हथियारों संग एक फोटो वायरल हुआ था। अब उसके परिवार में उसके बुजुर्ग मां-बाप के अलावा उसकी एक बहन रह गई है।