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परीक्षा के समय सीमा पर तनाव बनने से विद्यार्थियों के भविष्य पर छाए असमंजस के बादल

पुखरान के अब्दुल अजीज और कलाल के अमरीक सिंह ने कहा कि सीमा पर तनाव से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस समय सारी कक्षाओं की परीक्षाएं चल रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 10:47 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 10:47 AM (IST)
परीक्षा के समय सीमा पर तनाव बनने से विद्यार्थियों के भविष्य पर छाए असमंजस के बादल
परीक्षा के समय सीमा पर तनाव बनने से विद्यार्थियों के भविष्य पर छाए असमंजस के बादल

जम्मू, राज्य ब्यूरो। परीक्षा के समय में सीमा पर बने तनाव से विद्यार्थियों के भविष्य पर असमंजस के बादल मंडराने लगे है। विद्यार्थियों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। सीमा पर जैसे ही तनाव बनता है तो एहतियात के तौर पर पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों को बंद कर दिया जाता है। सीमा पर दशहत का माहौल है। ऐसे में सीमांत लोग यह सोच रहे है कि अगर सीमा पर गोलीबारी शुरु हो गई और पाकिस्तान ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरु किया तो भारतीय सेना इसका कड़ा जवाब देगी। ऐसे में सबसे पहले स्कूलों काे बंद किया जाएगा। चूंकि इस समय आठवीं और नौवीं कक्षा की परीक्षाएं चल रही है। दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं होने वाली है।

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सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में सभी स्कूल बंद

राजौरी और पुंछ जिलों में पाकिस्तान की भारी गोलीबारी को देखते हुए सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन बुधवार सुबह भारतीय क्षेत्र में घुसकर पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक किए जाने के बाद बने हालात को देखते जिला प्रशासनों ने स्कूल बंद रखने के आदेश दे दिए है। चंगड़ के राजेश शर्मा ने कहा कि सीमा पर तनाव बनने से आम लोगों तो परेशानी होती ही है लेकिन स्कूलों के बंद होने से पढ़ाई बर्बाद हो जाती है। इस समय परीक्षाओं का समय है एेसे में हम अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित है।

परीक्षाएं स्थगित होने से बच्चों की परेशानी बढ़ी

पुखरान के अब्दुल अजीज और कलाल के अमरीक सिंह ने कहा कि सीमा पर तनाव से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस समय सारी कक्षाओं की परीक्षाएं चल रही है। परीक्षाओं के स्थगित होने से बच्चे परेशान हो जाते है। सीमा पर इस समय तो युद्ध जैसे हालात बने है लेकिन जब भी सीमा पर भारी गोलीबारी होती है तो उस समय भी स्कूल बंद कर दिए जाते है। पिछले एक दशक में कई बार ऐसा हो चुका है। पाठ्यक्रम पीछे छूट जाता है। अतिरिक्त कक्षाएं लगानी पड़ती है। अरनिया में पार्षद यशपाल सैनी ने कहा कि सीमा पर युद्ध जैसे हालात बनने से पढ़ाई को काफी नुकसान पहुंचता है।

पाकिस्तान कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है। ऐसे में जब सीमा पर पाकिस्तान भारी गोलीबारी करता है तो हमारे सुरक्षा बल कड़ा जवाब देते है। ऐसे में स्कूल बंद कर दिए जाते है। बच्चों का भविष्य दांव पर लग जाता है। अब भी अगर हालात ऐसे बने रहे और स्कूल बंद हो गए तो परीक्षाओं पर असर पड़ेगा। सीमा से सटे चगराई गांव के रघुबीर सिंह ने कहा कि यह समय बच्चों की परीक्षाओं का है। पाकिस्तान के नापाक इरादों के कारण पहले भी कई बार बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो चुकी है। इस समय चिंता इसलिए अधिक है क्योंकि समय परीक्षाओं का है। उन्होंने कहा कि सीमा पर पाकिस्तान के कारण ही तनाव बना रहता है। 

दसवीं और बारहवीं कक्षा के पहले पेपर स्थगित

सीमा पर बने तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा के 1 मार्च को होने वाले पेपरों को स्थगित कर दिया है। पहली मार्च को बारहवीं कक्षा के कंप्यूटर साइंस, इंफारमेटिक्स प्रेक्टिस, इंवायरमेंट साइंस, फक्शनल इंग्लिश, फिजिकल एजूकेशन, इस्लामिक स्टडीज, वैदिक स्टडीज, बुद्धिस्ट स्टडीज, इलेक्ट्रानिक्स, ट्रेवल टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट और इंग्लिश लिटरेचर के पेपर स्थगित कर दिए है। दसवीं कक्षा का दो मार्च को होने वाला सोशल साइंस का पेपर भी स्थगित कर दिया है। बोर्ड की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता की अध्यक्षता में हुई बैठक में पेपर स्थगित करने का फैसला किया गया। बोर्ड की तरफ से अधिसूचना के अनुसार बारहवीं कक्षा के पांच मार्च से और दसवीं कक्षा के छह मार्च से होने वाली परीक्षाएं निर्धारित शेडयूल के अनुसार ही होगी। जिन पेपरों को स्थगित किया गया है उनकी तिथियों की घोषणा बाद में की जाएगी। इसी वजह से आज 28 फरवरी को होने वाले आठवीं और नौवीं कक्षा के पेपरों को भी स्थगित कर दिया गया है। इसकी तिथि की घोषणा भी बाद में की जाएगी। अन्य पेपर निर्धारित शेडयूल के अनुसार ही होंगे।


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