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Jammu : जलशक्ति विभाग के अस्थायी कर्मियों अपनी मांगों पर अड़े, सोमवार से आंदोलन तेज करने की चेतावनी

Jal Shakti Department Jammu बीसी रोड स्थित जलशक्ति विभाग के परिसर में प्रदर्शन कर रहे इन कर्मियों ने कहा कि अभी कहीं-कहीं पानी की जलापूर्ति प्रभावित हुई है। यदि इसी तरह उनकी मांगों को हल्के में लिया गया तो यह समस्या विकराल हो सकती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 01:29 PM (IST)
अस्थायी कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरती नहीं दिखाई गई।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पिछले 11 दिनों से हड़ताल पर उतरे जल शक्ति विभाग के अस्थायी कर्मियों की मांगों को लेकर सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है। बातचीत तो कई बार हो चुकी है परंतु कर्मियों की मांगों को हल करने के लिए प्रशासन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है। ऐसे में प्रशासन का रवैया देख कर्मियों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी देते हुए प्रशासन को यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सोमवार तक उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो वे आंदोलन को तेज करेंगे।

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बीसी रोड स्थित जलशक्ति विभाग के परिसर में प्रदर्शन कर रहे इन कर्मियों ने कहा कि अभी कहीं-कहीं पानी की जलापूर्ति प्रभावित हुई है। यदि इसी तरह उनकी मांगों को हल्के में लिया गया तो यह समस्या विकराल हो सकती है। इन कर्मियों का कहना था कि जम्मू के लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा। पेयजल संकट बना हुआ है। मगर प्रशासन को कोई चिंता नहीं और हड़ताली कर्मचारियों की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा।

हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि अगर प्रशाासन ने इसी तरह से अड़ियन रुख बनाकर रखा तो आने वाले समय में आंदोलन और कठोर हो जाएगा और पेयजल का बड़ा संकट उभर कर सामने आएगा, जिसके लिए स्वयं प्रशासन जिम्मेदार होगा। कर्मचारियों ने जलशक्ति विभाग के खिलाफ जमकर नारे लगाए और कहा कि अस्थायी कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरती नहीं दिखाई गई।

अगर दिखाई होती तो आज परिणाम कुछ और होते। मौके पर संबोधित करते हुए पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट के सीनियर सदस्य रवि हंस ने कहा कि कर्मियों को काम करते करते 15 से 20 साल हो चुके हैं,मगर आज यह न्यूनतम दिहाड़ी पर काम कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी इनकी दिहाड़ी नहीं बढ़ी। दिल्ली भी केंद्र शासित प्रदेश है, मगर आज वहां पर दिहाड़ी 600 रुपये से भी अधिक है जोकि जम्मू-कश्मीर से दुगनी है।

जम्मू कश्मीर में अस्थायी कर्मियों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो दिहाड़ी आधी है तो वहीं पर इन कर्मियों को नियमित करने की सरकार पास कोई नीति नहीं। अगर यही हाल चला तो कर्मी आपे से बाहर तो होंगे ही। मौके पर अस्थायी कर्मियों ने रैली भी निकाली और जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं चेतावनी दी कि हड़ताल का क्रम तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार कर्मचारियों को नियमित करने का कोई रोड मैप तैयार नहीं कर पाती। 


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