ओलावृष्टि से बर्बाद फसल देख नहीं रुक रहे अन्नदाता के आंसू
सालभर की मेहनत के बाद जब फसल को घर ले जाने का समय आया तो ओलावृष्टि और बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अब धीरे-धीरे कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचकर किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : सालभर की मेहनत के बाद जब फसल को घर ले जाने का समय आया तो ओलावृष्टि और बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अब धीरे-धीरे कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचकर किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। शनिवार तड़के अचानक बदले मौसम के मिजाज से किसानों को फसल को बचाने का कोई मौका नहीं मिल पाया। लगातार आधे घंटे तक तेज ओलावृष्टि से धान की फसल को बर्बाद कर दिया। साथ में बारिश होने से फसल खेत में ही गिर गई। इससे अब यदि कुछ फसल बचेगी भी तो उसके दानों की गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी। सोमवार को मुख्य कृषि अधिकारी अरविंद बारू, बीमा कंपनी के अधिकारी विकास भगत के साथ तरेवा की सरपंच बलबीर कौर ने विभिन्न गांवों का दौरा कर बर्बाद हुई फसल का जायजा लिया।
बारू और भगत ने कहा कि वे बर्बाद हुई फसल की रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करवाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलने में देरी नहीं हो। जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवाया है, वे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से उस कंपनी को 72 घंटे के भीतर सूचित करें, ताकि मुआवजे की प्रक्रिया पूरी की जा सके। अधिकारियों ने बिश्नाह के सीमा भर्ती गांवों तरेवा, जब्बोवाल, चनाना, चंगिया आदि का दौरा किया। ग्रामीणों ने सरपंच और कृषि अधिकारी को अपने खेतों में बर्बाद हुई फसल को दिखाया। बारिश इतनी ज्यादा हुई थी कि दो दिन बाद भी खेतों में पानी जमा था। किसानों ने जब धान की फसल को खेत से निकालकर कृषि अधिकारी को दिखाया तो उसमें से पानी टपक रहा था। यह देखकर कृषि अधिकारी और सरपंच भी दुखी नजर आए। सरपंच बलबीर कौर ने कहा कि किसानों की साल भर मेहनत पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अब अगली फसल के लिए उनके पास कोई पूंजी नहीं है। घर के कई काम भी इसी के दम पर होने थे। इसलिए प्रशासन को जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा जारी करना चाहिए। इस मौके पर सरपंच सुभाष सैनी, पंच अवतार सिंह आदि लोग मौजूद थे।