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कारगिल विजय दिवस: भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी

कारगिल की दुर्गम चोटियों में लड़े गए युद्ध में पाकिस्तान को करारी मात देते हुए भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी। इनमें 71 जम्मू कश्मीर से थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 05:21 PM (IST)
कारगिल विजय दिवस: भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी
कारगिल विजय दिवस: भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। कारगिल की चोटियों को पाकिस्तान के कब्जे से आजाद करवाने के लिए लड़े गए युद्ध के मंजर द्रास में जीवंत होंगे। जान की बाजी लगाकर कारगिल युद्ध में विजय हासिल करने वाले सैनिकों की वीरता के किस्से बुधवार को कारगिल विजय दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन गूंजेंगे।

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सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर बुधवार को द्रास में कार्यक्रम के पहले दिन शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। सैन्य सूत्रों के अनुसार थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत कारगिल विजय दिवस पर वीरवार को मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने द्रास आएंगे।

कार्यक्रम के पहले दिन बुधवार को सेना द्रास में लाइट एंड साउंड व लेजर शो के जरिए 19 साल पहले लड़े गए कारगिल युद्ध की यादों को ताजा करेगी। इस समय द्रास में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक व खेल गतिविधियां चल रही हैं। कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध लड़ चुके सैन्य अधिकारियों के साथ कई शहीदों के परिजन भी पहुंचने लगे हैं।

कारगिल की दुर्गम चोटियों में लड़े गए युद्ध में पाकिस्तान को करारी मात देते हुए भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी। इनमें 71 जम्मू कश्मीर से थे।

मंगलवार को कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके वीर चक्र विजेता कर्नल सचिन बाधकर, कर्नल राजेश अदाओ ने द्रास वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान बैटल स्कूल के प्रशिक्षुओं ने युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया। इस दौरान देश भक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए गए। मुख्य कार्यक्रम वीरवार को कारगिल विजय दिवस के दिन आयोजित किया जाएगा। गत दिनों द्रास वारियर ब्रिगेड ने स्थानीय लोगों के लिए पोलो, टैंट प्रतियोगिता का आयोजन किया था जो शीना द्रास की टीम ने हिमालयन ए टीम को हराकर जीती थी।

शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कारगिल विजय दिवस पर सैन्य पुलिस के मोटरसाइकिल सवारों का दल श्वेत अश्व भी द्रास पहुंच रहा है। यह दल बेंगलूरू से दो जुलाई को लेह के लिए रवाना हुआ था। यह टीम आठ राज्यों से होकर 3,250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने के बाद द्रास पहुंची है। कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचने से पहले टीम बेलगाम, पुणे, मुंबई, वड़ोदरा, उदयपुर, नई दिल्ली के बाद अब चंडीगढ़, मनाली, सरचू से रोहतांग दर्रे को पार कर लेह पहुंची है। अभियान को कर्नाटक एवं केरल उप-क्षेत्र के जीओसी मेजर जनरल संजीव नारायण ने रवाना किया था।

कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय हुई। इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है। इस शौर्य और पराक्रम को याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कारगिल विजय दिवस मनाने आज पहुंचेंगे दिव्यांग

शहीद सैनिक औरंगजेब के परिजनों के साथ कारगिल विजय दिवस मनाने के लिए मुंबई के दिव्यांग व्यवसायी नीलोत्पल मृणाल के नेतृत्व में देशभर के 30 दिव्यांगों का दल बुधवार दोपहर को जम्मू पहुंचेगा।

मुबई के दिव्यांग व्यवसायी नीलोत्पल मृणाल के नेतृत्व में देश भर के ये दिव्यांग पुंछ में शहीद औरंगजेब के परिवार के लिए जुटाई गई राशि भी सौंपेंगे।


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