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Geelani को दफन करते समय दोनों पुत्र कब्रिस्तान से रहे दूर, पाकिस्तान के प्रति दिखाई वफादारी

बेटों ने पुलिस अधिकारियों को पूरी मदद का आश्वासन दिया।कहा वह अपने कुछ रिश्तेदारों का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने सभी को सुरक्षा का यकीन दिलाया। लगभग तीन घंटे तक पुलिस इंतजार करती रही। जब पुलिस अधिकारियों ने उनसे दोबारा संपर्क किया तो वह राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करने लगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 07:35 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 12:52 PM (IST)
Geelani को दफन करते समय दोनों पुत्र कब्रिस्तान से रहे दूर, पाकिस्तान के प्रति दिखाई वफादारी
सभी मजहबी रस्मों को पूरा करने के बाद ही शव को दफनाया गया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कट्टरपंथी अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के पुत्रों ने अपने दिवंगत पिता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के बजाय पाकिस्तान के प्रति अपना वफादारी साबित की। दोनों अपने पिता को दफन करने के समय जानबूझकर कब्रिस्तान से दूर रहे। शव को दफनाने से पूर्व सभी मजहबी रस्मों को भी पूरा किया गया है। पुलिस ने इस संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें गिलानी के शव को गुसल (स्नान) कराने की पुष्टि होती है।

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वयोवृद्ध अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का गत बुधवार रात को देहांत हो गया था। उन्हेंं उनके घर के पास एक कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उनके स्वजन ने आरोप लगाया था कि दिवंगत नेता के शव को पुलिस कर्मी जबरन अपने साथ ले गए थे और उन्होंने शव को गुसल भी नहीं कराने दिया था। जम्मू कश्मीर पुलिस ने देर शाम गए एक वीडियो में सारी हकीकत बयां की।वीडियो में गिलानी के शव को गुसल कराने की रस्म नजर आ रही है है। इसके साथ ही पुलिस ने एक बयान भी जारी कर कहा कि यहां कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाडऩे के लिए झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। गिलानी के शव का किसी न जबरदस्ती नहीं उठाया और सभी मजहबी रस्मों को पूरा करने के बाद ही शव को दफनाया गया है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गिलानी की मौत की खबर मिलते ही आइजीपी कश्मीर विजय कुमार, एसपी और एएसपी समेत उनके निवास पर पहुंचे थे। उन्होंने दिवंगत नेताओं के पुत्रों से मुलाकात कर उनके साथ सांत्वना व्यक्त की। उन्होंने कश्मीर में कानून व्यवस्था और कश्मीरियों की बेहतरी क हवाला देते हुए शव को रात को ही दफनाने का आग्रह किया। गिलानी के पुत्र इस पर राजी हो गए। बेटों ने पुलिस अधिकारियों को पूरी मदद का आश्वासन दिया और कहा कि वह अपने कुछ रिश्तेदारों का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने सभी को सुरक्षा का यकीन दिलाया। लगभग तीन घंटे तक पुलिस इंतजार करती रही। जब पुलिस अधिकारियों ने उनसे दोबारा संपर्क किया तो वह राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करने लगे। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

ऐसा लगता है कि तब तक उन पर पाकिस्तान और कुछ अन्य शरारती तत्वों की तरफ दबाव पड़ना शुरू हो गया था। गिलानी के परिजनों ने उसके शव पर पाकिस्तानी झंडा भी रख दिया और जोर जोर से पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करते हुए आस-पास के लोगों को उकसाने लगे। स्थानीय मस्जिद के इमाम और मस्जिद कमेेटी के सदस्यों की मदद से गिलानी के स्वजन को मनाया गया। दिवंगत नेता के शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले जाया गया। इस संदर्भ में सभी मजहबी रस्मों को पूरा किया गया।

दिवंगत नेता के पुत्रों से बार बार आग्रह किया किया कि वे भी जनाजे में शरीक हों, लेकिन उनहोंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो, वह कब्रिस्तान में नहीं जाएंगे। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि गिलानी के पुत्रों ने अपने पिता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के बजाय पाकिस्तान के प्रति अपनी वफादारी साबित करने को तरजीह दी है। उन्होंने माहौल बिगाडऩे और दिवंगत नेता के शव को लेकर कई झूठी अफवाहों को सच साबित करने की साजिश की है। आपको जानकारी हो कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिवंगत अलगाववादी नेता के शव के साथ पुलिस ने अनुचित व्यवहार किया है। 


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