श्रीनगर में एनआईए के सर्च ऑपरेशन में मीरवाइज के घर बरामद हुईं कई हाई-टेक सेटअप
NIA ने सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमें इस दौरान यासीन मलिक और मीरवाइज उमर फारूक समेत कई अलगाववादी नेताओं के सात ठिकानों पर पड़ताल की गई जहां से कई इलैक्ट्रॉनिक चीजें बरामद हुईं।
जम्मू, एजेंसी। एक तरफ जहां पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में एयरस्ट्राइक की गई है, वहीं आतंकी फंडिंग की कमर तोड़ने के लिए कश्मीर घाटी नें एनआईए ने सर्च ऑपरेशन चलाया है। पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के कैंप तहस-नहस किए, वहीं मंगलवार को कश्मीर घाटी में टेरर फंडिंग की रीढ़ तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान यासीन मलिक और मीरवाइज उमर फारूक समेत कई अलगाववादी नेताओं के सात ठिकानों पर पड़ताल की गई, जहां से कई इलैक्ट्रॉनिक चीजें बरामद हुईं।
एनआईए के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर मीरवाइज उमर फारूक, अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी और तहरीक ए हुर्रियत के प्रमुख अशरफ सेहराई, जेकेएलएफ नेता यासिन मलिक, शब्बीर शाह, जफर भट और मसर्रत आलम के आवास पर भी छापे मारे गए।
NIA ने आधिकारिक बयान में जानकारी दी कि आतंकी फंडिंग के संबंध में 26 फरवरी को श्रीनगर में 7 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सर्च के दौरान अलगाववादी नेताओं के घरों से प्रॉपर्टी के दस्तावेज, लैपटॉप, ई-टैबलेट, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव, कम्यूनिकेशन सिस्टम और डीवीआर जब्त किए गए हैं। इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस के अलावा पाकिस्तान में एजुकेशन के लिए वीजा आवेदन संबंधी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। साथ ही मीरवाइज उमर फारूक के घर से एक हाई-टेक इंटरनेट कम्यूनिकेशन सेट-अप भी बरामद किया गया है। यह कम्यूनिकेशन सेट-अप काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एनआईए जांच का उद्देश्य सुरक्षाबलों पर पथराव, स्कूल जलाने और सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य आतंकी गतिविधियों को धन मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाना है। इस मामले में लश्कर ए तैयबा के हाफिज सईद को भी नामजद किया गया है। मंगलवार को जब श्रीनगर में अलगाववादियों के घर रेड हुई तो सुरक्षाबलों को भारी पत्थरबाजी का सामना करना पड़ा। जवाब में सुरक्षाबलों ने आंसूगैस के गोलों का इस्तेमाल कर पत्थरबाजों को खदेड़ा।
भारत में रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अब कम्यूनिकेश पर भारतीय एजेंसियों को पैनी नजर रखनी होगी और इंटरसेप्ट करना होगा।