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Jammu Kashmir: एनसीईआरटी की पहल से दूसरे राज्यों के छात्र भी जानेंगे जम्मू कश्मीर का इतिहास

एनसीईआरटी की पहल से दूसरे राज्यों के छात्र भी जानेंगे जम्मू कश्मीर का इतिहास जितेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:37 AM (IST)
Jammu Kashmir: एनसीईआरटी की पहल से दूसरे राज्यों के छात्र भी जानेंगे जम्मू कश्मीर का इतिहास

जम्मू, राज्य ब्यूरो। एनसीईआरटी की पुस्तक में जम्मू कश्मीर और डोगरा शासन के अध्याय को शामिल करने से सिर्फ जम्मू कश्मीर ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी डोगरा शासन के इतिहास से रूबरू होंगे। केंद्र सरकार के इस प्रयास को काफी सराहा जा रहा है। पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, पहली बार डोगरा राजवंश को सम्मान देने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

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एनसीईआरटी की आठवीं कक्षा की पुस्तक में जम्मू कश्मीर के डोगरा शासन पर अध्याय शामिल किया गया है। प्रदेश भाजपा के प्रधान रविंद्र रैना ने भी केंद्र के इन प्रयासों की सराहना की है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने और जम्मू व लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल बाद एनसीईआरटी की पुस्तक में पूर्व जम्मू कश्मीर और डोगरा शासन इतिहास को शामिल किया गया है।

आठवीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में इसे पढ़ाया जाएगा। इसमें इतिहास के उन पहलुओं को भी जोड़ा गया है, जिसमें सिख शासन, अमृतसर संधि, लाहौर दरबार का भी जिक्र है। इससे पहले जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड अपनी पुस्तकों में अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन पर अध्याय शामिल कर चुका है।

जम्मू कश्मीर में स्कूलों के लिए आइसीटी लैब और सौर ऊर्जा प्लांट के लिए 100 करोड़

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सरकारी स्कूलों में एक सौ करोड़ रुपये की लागत से इंफारमेशन कंप्यूटर टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब और सौर ऊर्जा के उपकरण स्थापित की जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने आइटी विभाग को एक सौ करोड़ रुपये जारी किए है। स्कूलों में 224 आइसीटी लैब स्थापित की जाएगी ताकि विद्यार्थियों को प्रेक्टिक्ल के लिए परेशानियों का सामना न करना पड़े। लैब हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में स्थापित होगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने कहा कि विभाग की कोशिश होगी कि तय समय में लैब और सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए जाए। इसके लिए कड़ी निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्कूली शिक्षा का ढांचा मजबूत करने के लिए इस बार समग्र शिक्षा के तहत भारी भारी राशि मंजूर हुई है। विभाग के जम्मू और कश्मीर के निदेशकों को धनराशि जारी की जा रही है। इनमें जम्मू संभाग में लाइब्रेरी ग्रांट 139.80 लाख और कश्मीर संभाग के लिए 124.95 लाख मंजूर किए गए है।

प्री प्राइमरी में खेलों के लिए जम्मू संभाग को 143.08 लाख और कश्मीर संभाग के लिए 134.23 लाख रुपये, खेलों और फिजिकल एजूकेशन में जम्मू संभाग के लिए 976.85 लाख और कश्मीर संभाग के लिए 886.40 लाख दिए गए हैं। सामुदायिक सक्रियता के लिए जम्मू और कश्मीर संभाग को सौ-सौ करोड़ रुपये, स्कूलों के निर्माण कार्यों के लिए जम्मू संभाग के लिए 5819.20 लाख और कश्मीर संभाग के लिए 100 करोड रुपये, पुस्तकों के लिए जम्मू संभाग को 1105.44 लाख और कश्मीर संभाग को 925.43 लाख मंजूर हुए है।

वर्दियों के लिए जम्मू संभाग को 2885.38 लाख और कश्मीर संभाग को 2066.06 लाख दिए गए है। सेमून ने कहाकि हमारी प्राथमिकता है कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएं। समग्र शिक्षा के तहत इस बार केंद्र से अच्छा सहयोग मिला है। आने वाले समय में जम्मू कश्मीर में शिक्षा का बेहतर ढांचा होगा। शिक्षा अधिकार कानून के नियम भी जल्द आ जाएंगे। प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस निर्धारित कमेटी का पुर्नगठन किया जा चुका है। 


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