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National Pharmacovigilance Week: जीएमसी जम्मू के विद्यार्थियों ने स्लोगन मार्च से किया ड्रग सेफ्टी के प्रति जागरूक

कोई भी दवा सौ फीसद सुरक्षित नहीं है। लेकिन अगर सही दवा सही डोज सही समय में दी जाए तो इससे ड्रग सेफ्टी बढ़ जाती है। उन्होंने दवा के खतरे से बचने के लिए तर्कसंगत एंटी माइक्रोबायल दवा नुस्खे लिखने पर जोर दिया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 08:35 PM (IST)
National Pharmacovigilance Week: जीएमसी जम्मू के  विद्यार्थियों ने स्लोगन मार्च से किया ड्रग सेफ्टी के प्रति जागरूक
मार्च का आयोजन एडवर्स ड्रग रिएक्शन सेंटर ने किया था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के एमबीबीएस विद्यार्थियों, पीजी कर रहे डाक्टरों, रेजीडेंट, फैकल्टी सदस्यों तथा विभिन्न विभागों के एचओडी ने नेशनल फार्माकोविजिलेंस सप्ताह पर स्लोगन मार्च निकाला। जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन इसमें मुख्य अतिथि थीं।

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उन्होंने कहा कि कोई भी दवा सौ फीसद सुरक्षित नहीं है। लेकिन अगर सही दवा, सही डोज, सही समय में दी जाए तो इससे ड्रग सेफ्टी बढ़ जाती है। उन्होंने दवा के खतरे से बचने के लिए तर्कसंगत एंटी माइक्रोबायल दवा नुस्खे लिखने पर जोर दिया। उन्होंने एमबीबीएस विद्यार्थियों और फार्माकालोजी विभाग स्लोगन मार्च और सेमिनार आयोजित करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि इन सभी गतिविधियों का इस्तेमाल लोगों को जागरूक करने के लिए होना चाहिए। इसके अलावा इसे दवा और मरीजों की सुरक्षा की दृष्टि से फैकल्टी सदस्यों, पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टरों और अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थियों का ज्ञान भी बढ़ता है। मार्च का आयोजन एडवर्स ड्रग रिएक्शन सेंटर ने किया था।

यह सेंटर फार्माकालोजी विभाग की एचओडी डा. सीमा गुप्ता और डा. विशाल टंडन की देखरेख में चल रहा है। इास मौके पर एमबीबीएएस और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए गए। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में इशा शर्मा, आगोश, कृतिका महाजन पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आए। इसी प्रतियोगिता में सोनिका रैना, साविका गुप्ता और इकरा अजीम को सांत्वना पुरस्कार मिला। पीजी वर्ग में डा. भानू प्रिया को पहला, डा. सुनैनी को दूसरा और डा. अमरजीत सिंह को तीसरा पुरस्कार मिला। डा. निशु गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार मिला।

डा. सीमा गुप्ता ने इस मौके पर कोई भी एडवर्स रिएक्शन होने पर एडीआरएम सेंटर को सूचित करने को कहा ताकि मरीजों की सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। सेंटर के प्रभारी डा. विशाल टंडन ने कहा कि ड्रग सेफ्टी में लोगों की भागीदारी जरूरी है। पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी डा. घनश्याम सैनी, फिजियालोजी विभाग के एचओडी डा. सुनील सचदेव, मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. विजय कुंडल, एनाटमी विभाग की एचओडी डा. संगीता गुप्ता, एनेस्थीसिया विभाग की एचओडी डा. स्मृति गुलहाटी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की एचओडी डा. मीना सिद्धु, प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. राजीव गुप्ता, ईएनटी के एचओडी डा. प्रमोद कल्सोत्रा, गायनाकालोजी विभाग की एचओडी डा. ज्योति हक, मनोरोग विभाग के एचओडी डा. मनु अरोड़ा, फोरेंसिंक मेडिसिन की एचओडी डा. संध्या अरोड़ा, बायो कैमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. रचना सभ्रवाल भी इस मौके पर मौजूद थीं।


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