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Kashmir : आतंकियों से निजात चाहते हैं विद्यार्थी और व्यापारी, हर दिन पढ़ाई और व्यापार का हो रहा जबरदस्त नुकसान

दुकानदार जो अपनी दुकानों से करीब आठ से दस किलोमीटर दूर रहते हैं वह अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे हैं। होटलों में पर्यटक नहीं हैं। टैक्सी चालक भी बेकार बैठे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 11:16 AM (IST)
Kashmir : आतंकियों से निजात चाहते हैं विद्यार्थी और व्यापारी, हर दिन पढ़ाई और व्यापार का हो रहा जबरदस्त नुकसान
Kashmir : आतंकियों से निजात चाहते हैं विद्यार्थी और व्यापारी, हर दिन पढ़ाई और व्यापार का हो रहा जबरदस्त नुकसान

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। वादी में अलगाववादियों की ओर से जबरन बंद कराने से दुकानदार, सेब व्यापारी व विद्यार्थी सब प्रभावित हो रहे हैं। इस समय कश्मीर में मात्र 30 हजार टन ही सेब बाजार में उतरा है, जबकि पिछले साल सितंबर के पहले पखवाड़े के समाप्त होने तक 80 हजार टन सेब बाजार में पहुंच गया था।

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सेब व्यापारी और बागवानी विभाग के अधिकारी इस कमी के लिए आतंकियों को जिम्मेदार मानते हैं। आतंकियों ने कई जगह सेब उत्पादकों को पीटा, उनके बागों और बाजार में पहुंचने के लिए तैयार फसल के अलावा ट्रकों को भी जलाया। शोपियां स्थित एक सेब व्यापारी ने कहा कि हमने पुलिस को कई बार आतंकी खतरे के बारे मे सूचित किया, लेकिन समय रहते पुलिस की मदद नहीं पहुंची। यह बात अलग है कि पुलिस के आलाधिकारी हालात पूरी तरह सामान्य होने और सेब उत्पादकों की मदद का यकीन दिलाते फिर रहे हैं। मैंने किसी तरह सेब की फसल का एक हिस्सा रात में कश्मीर से बाहर निकाल दिल्ली पहुंचाया और साठ हजार रुपये कमाए। जब मैं घर पहुंचा तो तीन आतंकी भी आ पहुंचे। उन्होंने मुझे दो ही विकल्प दिए-ट्रक में आग लगाएं या मेरी टांग में गोली दागें। उन्होंने ट्रक जलाया और मुझे ट्रक की मरम्मत पर 1.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े। मेरे बाग में सेब की फसल तैयार है, लेकिन मैं सेब को हाथ लगाने से डरता हूं।

आतंकरोधी अभियान बंद करना समझ से परे : इसहाक

पुलिस के मुताबिक, सितंबर के पहले पखवाड़े की समाप्ति तक आतंकियोंं द्वारा सेब बाग के मालिकों, ट्रक चालकों, सेब उतारने वाले श्रमिकों और व्यापारियों के साथ मारपीट, फसल व ट्रकों को नुकसान पहुंचाने की करीब 40 घटनाएं दर्ज हुई हैं। इसहाक अहमद नामक एक सेब व्यापारी ने कहा कि हमें समझ में नहीं आ रहा कि आखिर पुलिस ने आतंकरोधी अभियान क्यों बंद कर दिए हैं। यहां आए दिन आतंकी पोस्टर लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस ने किसी को नहीं पकड़ा। पुलिस को सख्त कार्रवाई करते हुए इन तत्वों को पकड़ना चाहिए।

होटलों में पर्यटक नहीं, टैक्सी चालक भी बेकार बैठे

मुख्तार अहमद नामक एक दुकानदार ने कहा कि रोजाना धमकी भरे पोस्टर मिलते हैं। हम सुबह छह बजे करीब तीन से चार घंटे के लिए दुकान खोल सकते हैं। सुबह नौ बजे तक और शाम को छह बजे से नौ बजे तक। मुख्य बाजार तो पूरी तरह बंद हैं। हमारे कई साथी दुकानदार जो अपनी दुकानों से करीब आठ से दस किलोमीटर दूर रहते हैं, वह अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे हैं। होटलों में पर्यटक नहीं हैं। टैक्सी चालक भी बेकार बैठे हैं। यहां हालात बहुत खराब हैं। इस बंद से छुटकारा मिले तो हमारी जान बचे।

वार्षिक परीक्षाएं स्थगित नहीं होगी : सलाहकार

सेब व्यापारी ही नहीं अन्य छोटे कारोबारी और छात्र भी बंद से प्रभावित हैं। वह चाहते हैं कि इंटरनेट सेवाएं बहाल हों ताकि उनकी व्यापारिक और शैक्षिक गतिविधियां जोर पकड़े। हालांकि प्रशासन ने लैंडलाइन सेवाओं को बहाल करने का दावा किया है, लेकिन आम उपभोक्ताओं के घरों में करीब 18 हजार लैंडलाइन फोन हैं। जबकि 30 हजार लैंडलाइन फोन स्कूलों, दुकानों, अस्पतालों, होटलों व सरकारी कार्यालयों में हैं। राज्यपाल के सलाहकार फारूक अहमद खान ने कहा कि स्कूलों को खोला गया है। वार्षिक परीक्षाएं स्थगित नहीं होंगी, वह निर्धारित समय पर ही होंगी। आवश्यकता के अनुसार उन्हें एक सप्ताह या पखवाड़े के लिए आगे किया जा सकता है। 


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