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Jammu Kashmir: दूरदराज इलाकों में अपना आधार मजबूत बनाना है डेमोक्रेटिक Azad पार्टी की प्राथमिकता

आजाद के जम्मू आते ही संभागीय जोनल व ब्लाक स्तर पर कमेटियों का गठन होगा। पार्टी का संविधान तैयार हो गया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। आजाद की पार्टी में जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अधिकतर नेता शामिल हुए है।

By satnam singhEdited By: Vikas AbrolPublished: Tue, 04 Oct 2022 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 05:23 PM (IST)
गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी की प्राथमिकता जम्मू कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्र होंगे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी की प्राथमिकता जम्मू कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्र होंगे। जमीनी सतह पर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में जल्द कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए आजाद सप्ताह में जम्मू कश्मीर का दौरा कर पार्टी नेताओं से बैठकें करेंगे, प्रतिनिधिमंडलों से मिलेंगे और जनसभाओं का कार्यक्रम तय होगा। चूंकि इस समय पार्टी की प्राथमिकता पहले पंजीकरण करवाना है इसलिए जरूरत अनुसार तीन नियुक्तियां कर दी गई है। आजाद पार्टी के चेयरमैन बनाए गए हैं तो ताज मोहुउद्दीन को कोषाध्यक्ष और आरएस चिब को महासचिव बनाया गया है।

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आजाद के जम्मू आते ही संभागीय, जोनल व ब्लाक स्तर पर कमेटियों का गठन होगा। पार्टी का संविधान तैयार हो गया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। आजाद की पार्टी में जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अधिकतर नेता शामिल हुए है। इसलिए उन नेताओं को अहम पदों की जिम्मेदारी सौंपी जानी है। जोनल स्तर की जम्मू संभाग की तीन कमेटियों में जम्मू, चिनाब घाटी और पीर पंचाल क्षेत्र है। चिनाब घाटी में डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़, डोडा, रामबन जिलों के दूरदराज पहाड़ी इलाकों में आजाद का अधिक ध्यान रहेगा। आजाद स्वयं भी भद्रवाह के रहने वाले है और कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी में शामिल हुए नेता भी चिनाब घाटी के विभिन्न इलाकों से चुनाव जीतते रहे हैं। इनमें शामिल जीएम सरूरी ऐसे नेता है जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए प्रधान पद के लिए विकार रसूल का विरोध किया था। इस इलाके में आजाद के नजदीकी रिश्तेदार मोहम्मद शरीफ नियाज का निधन हो चुका है। वह भी कांग्रेस में रहते हुए चुनाव जीतते रहे हैं। अब्दुल मजीद वानी भी चिनाब घाटी से ही आते हैं।

हालांकि आजाद स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी पार्टी का किसी से मुकाबला नहीं है। वह अपने एजेंडा के साथ लोगों के बीच जाएंगे। यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे किसे वोट देेते हैं। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया था कि कौन किस का वोट काटेगा या नहीं। आजाद की प्राथमिकता अपने दौर के दौरान दूरदराज के इलाकों के प्रतिनिधिमंडलों से भेंट करने की रही है। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के नेता बलवान सिंह का कहना है कि हमने लोगों को पार्टी का एजेंडा व कार्यक्रम बताने हैं। गांवों में जाकर रैलियां, जनसभाएं होगी। जोनल व ब्लाक आधार पर कमेटियों का मकसद ही जमीनी सतह पर लोगों को जोड़ना होगा।


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