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Jammu Kashmir: रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए आर्थिक पैकेज घोषित करे सरकार

प्रधानमंत्री ने सभी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए इस योजना की घोषणा की है। नगर निगम की टीमें काम में जुट गई हैं। रेहड़ी वाले पंजीकरण करवा कर बैंकों से 10 हजार रुपये ऋण ले पाएंगे।

By Edited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 08:25 AM (IST)
Jammu Kashmir: रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए आर्थिक पैकेज घोषित करे सरकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत सभी रेहड़ी-फड़ी वालों को बैंकों से 10 हजार रुपये का ऋण बहुत अच्छा कदम है। अगर इस राशि को बीस हजार रुपये कर दिया जाए तो और अच्छा होता क्योंकि दस हजार रुपये में महंगाई के इस दौर में कुछ भी नहीं बनता। कामकाज शुरू करने के लिए कम से कम बीस हजार रुपये की रास जरूरी है। शहर के विभिन्न रेहड़ी-फड़ी वाले जम्मू नगर निगम द्वारा इस योजना के लिए पंजीकरण का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि पंजीकरण में पारदर्शिता रहनी चाहिए। कोई भी रेहड़ी-फड़ी अथवा साइकिल वाला छूटना नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच कामकाज ठप होने से दरबदर हुए रेहड़ी-फड़ी वालों के दर्द को समझा है। उन्होंने कहा कि रेहड़ी जोन में काम करने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सरकार को उनके लिए किसी पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। गांधीनगर रेहड़ी जोन में ही 150 के करीब रेहड़ी वाले काम करते हैं। यह पंजीकृत भी हैं। लॉकडाउन के शुरू होने से लेकर आज तक उनका कामकाज शुरू नहीं हो सका। ऐसे में उनके लिए मुश्किल हो रहा है। राज्य प्रशासन से अपील है कि रेहड़ी-फड़ी वालों की कोई आर्थिक मदद करे।

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  • प्रधानमंत्री ने रेहड़ी-फड़ी वालों को बैंकों से ऋण दिलाने की जो घोषणा की है, वो अच्छी है लेकिन इस राशि कम से कम 20 हजार रुपये रखना चाहिए। इसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल हो। बैंकों से बिना चक्कर लगवाए लोन भी मिले। -मोहित मन्नी
  • लॉकडाउन के चलते बहुत से रेहड़ी-फड़ी वाले दरबदर हो गए हैं। उन्हें खाने-पीने के भी लाले हैं। ऐसे में दस हजार रुपये का ऋण ठीक नहीं लगता। गरीबी में बैंक के कर्जदार होकर रह जाएं। इतने कम पैसे से काम नहीं चलेगा। 20-30 हजार रुपये मिले तो काम चल सकता है। -टिप्पू कुमार
  • सभी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। थोड़ी भी मदद मिल जाएगी तो यह वर्ग भी थोड़ा उभर पाएगा। अभी हालात ठीक नहीं हुए हैं। कामकाज नहीं निकल रहा। खौफ का माहौल है। रेहड़ी-फड़ी लगाना मजबूरी है। सरकार मदद करे। -बिट्टू शर्मा
  • रेहड़ी जोन में तो बिलकुल काम बंद है। अब जम्मू नगर निगम पंजीकरण कर 10 हजार रुपये लोन दिलवाने की बात कर तो रहा है लेकिन सरकारी योजनाओं का हर्ष ठीक नहीं रहता। बहुत कम लोगों को ही लाभ मिलते हैं। ऐसा न हो कि इसमें भी बिचौलिए आ जाएं। पारदर्शित होनी चाहिए। -मोहन कुमार

प्रधानमंत्री ने सभी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए इस योजना की घोषणा की है। नगर निगम की टीमें काम में जुट गई हैं। रेहड़ी वाले पंजीकरण करवा कर बैंकों से 10 हजार रुपये ऋण ले पाएंगे। इससे उनको दोबारा पांव पर खड़ा होने में सुविधा होगी। मैं खुद व्यापारी हूं। जानता हूं कि जब रास खत्म हो जाती है तो काम चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दस हजार रुपये भी काफी हैं। हर कोई आगे आए और योजना का लाभ उठाए। उनका लेन-देन अच्छा रहेगा तो बैंक इस राशि को बढ़ाते चले जाएंगे। ऐसे ही व्यापार चलता है। बहुत अच्छा मौक है। रेहड़ी, फड़ी, साइकिल पर काम करने वाले इस योजना का लाभ उठाएं। महिलाएं भी आगे आ सकती हैं। -चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू नगर निगम


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