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Kashmir: कश्मीर में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगेगा अंकुश, आबादी रोकने के लिए की जाएगी नसबंदी

डा जावेद राथर ने कहा कि कश्मीर में पहले भी आवारा कुत्तों की आबादी पर अंकुश लगाने की कई योजनाएं शुरु की गई लेकिन कोई भी पूरी तरह अपने मकसद को हासिल नहीं कर पायी। सभी योजनाएं अधर में ही लटक गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 11:11 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 11:11 AM (IST)
Kashmir: कश्मीर में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगेगा अंकुश, आबादी रोकने के लिए की जाएगी नसबंदी
अब हम हर माह लगभग दस हजार कुत्तों की नसबंदी करने में समर्थ हैं।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी और उसके साथ सटे इलाकों में आतंक का पर्याय बने आवारा कुत्तों की आबादी पर अंकुश लगाने के लिए श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) ने उनकी नसबंदी का फैसला किया है।अगले छह माह के दौरान 50 हजार कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है। श्रीनगर समेत पूरी वादी में आवारा कुत्तों की बड़ती संख्या और उनके द्वारा आम लोगों को काटे जाने की घटनाएं अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं। बीते 2 सालों में श्रीनगर में कुत्ताें द्वारा विभिन्न लोगों को काटे जाने के 11782 मामले दर्ज किए गए हैं।

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एसएमसी के आयुक्त अतहर आमिर खान ने कहा कि आवारा कुत्तों की बड़ती संख्या एक बड़ी समस्या है। इनकी आबादी पर रोक लगाना जरुरी है। हमने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और पशु जन्म नियंत्रण (श्वान) नियम, 2001 के मुताबिक श्रीनगर में 75 प्रतिशत आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें एंटी रैबीज के टीके लगाने का फैसला कियाहै। इसके लिए हमें शेरे कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (स्कुआस्ट) के विशेषज्ञों की मदद से एक कार्ययोजना तैयार की गई है।

एसएमसी वेटर्नरी अधिकारी डा जावेद राथर ने बताया कि हम अगले छह माह में 50 हजार कुत्तों की नसबंदी करेंगे। इसके अलावा हम श्रीनगर में आवारा कुत्तों की सही संख्या का पता लगाने लिए एक सर्वे भी करेंगे। उन्होंने बताया कि एकअनुमान के मुताबिक श्रीनगर और उसके आस-पास के इलाकों में करीब 60-65 हजार आवारा कुत्ते हैं।

श्रीनगर महाराजा हरि सिंह अस्पताल श्रीनगर में एंटी रैबीज क्लिनिक के प्रभारी डा हिलाल अहमद ने बताया कि अप्रैल 2019 से मार्च 2021 के अंत तक 11782 लोग हमारे पास एंटी रैबीज के उपचार के लिए आए हैं। इन सभी को कुत्तों ने काटा था। इनमें से 6984 लोगों को वर्ष 2019-20 क दौरान और 4798 लोगों को वर्ष 2020-21 के दौरान कुत्तों ने काटा है।

डा जावेद राथर ने कहा कि कश्मीर में पहले भी आवारा कुत्तों की आबादी पर अंकुश लगाने की कई योजनाएं शुरु की गई, लेकिन कोई भी पूरी तरह अपने मकसद को हासिल नहीं कर पायी। सभी योजनाएं अधर में ही लटक गई थी। इसके अलावा हमारे पास यहां कुत्ताें की नसबंदी के लिए संसाधनों की कमी भी महसूसकी जाती रही है। हमारे पास पहले एक माह में करीब 400 कुत्तों की नसबंदी की क्षमता थी, लेकिन अब हम हर माह लगभग दस हजार कुत्तों की नसबंदी करने में समर्थ हैं। 


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