पति के हत्यारों को सजा मिलने तक जारी रहेगी जंग : निर्मल खन्ना
राज्य ब्यूरो जम्मू कश्मीर में तीन दशक पहले आतंकी हमले में पति स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की शहादत के बाद से पत्नी निर्मल खन्ना की लड़ाई जारी है। शुक्रवार को वह 70 साल की हो गई। उनकी जद्दोजहद के बाद पति को गत वर्ष शहीद का दर्जा तो मिल गया लेकिन पति के हत्यारों को सजा मिलना बाकी है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर में तीन दशक पहले आतंकी हमले में पति स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की शहादत के बाद से पत्नी निर्मल खन्ना की लड़ाई जारी है। शुक्रवार को वह 70 साल की हो गई। उनकी जद्दोजहद के बाद पति को गत वर्ष शहीद का दर्जा तो मिल गया, लेकिन पति के हत्यारों को सजा मिलना बाकी है।
सरकार ने गत वर्ष अक्टूबर में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम शामिल करने के निर्देश दिए थे। जम्मू के त्रिकुटा नगर में रहने वाली निर्मल खन्ना के प्रयासों से यह फैसला भी हुआ था कि अगर नौकरी पर आते जाते समय किसी सुरक्षाकर्मी की आतंकी हमले में मौत होती है तो उसे शहीद का दर्जा मिलेगा।
शुक्रवार को जम्मू के अभिनव सभागार में पहुंची निर्मल खन्ना ने कहा कि मेरे पति को शहीद का दर्जा पहले ही मिल जाना चाहिए था। पिछली सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया। इस मामले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रधान यासीन मलिक को गिरफ्तार करने के फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मलिक को उसके किए की सजा मिलनी चाहिए। मुझे न्यायालय पर पूरा विश्वास है। जल्द ऐसा फैसला हो, जिससे यह संदेश जाए कि देश में गदर नहीं मचा है। शहीद के परिवारों को इंसाफ मिलना चाहिए।
25 जनवरी 1990 को प्रतिबंधित जेकेएलएफ के आतंकियों ने स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या कर दी थी। यासीन मलिक पर खन्ना की हत्या में शामिल होने का आरोप है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया है और वह इस समय तिहाड़ जेल में बंद है।
वहीं, कैप्टन तुषार महाजन की याद में आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए निर्मल खन्ना ने कहा कि शहीद अपने परिवार को सम्मान व देश में विशिष्ट पहचान दिलाते हैं। अब तुषार जैसे शहीद के परिवार देशवासियों को इन शहादतों का मोल बता रहे हैं। उनकी यह पहल सराहनीय है। आज मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि कैप्टन तुषार ने रवि खन्ना को सम्मानित किया है।