बजट में विशेष पैकेज से बदलेगी शिक्षा की तस्वीर, नए प्रोफेशनल कॉलेजों को विकसित करने में मदद मिलेगी
उच्च शिक्षा का ढांचा मजबूत करने के लिए इस समय जम्मू विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत एक सौ करोड़ रुपये की धनराशि हासिल हुई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय बजट में जम्मू कश्मीर के लिए मंजूर किए गए तीस हजार करोड़ से अधिक के पैकेज से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
हालांकि समग्र शिक्षा और जम्मू कश्मीर के वार्षिक बजट 2020-21 में भी शिक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है। समग्र शिक्षा के तहत अलग से धनराशि जारी हो रही है, केंद्रीय बजट में पर्याप्त धनराशि से इस क्षेत्र की तकदीर बदल सकती है। शिक्षा के बुनियादी ढांचे और गुणवत्ता के मामले में राज्य का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। कमजोर बुनियादी ढांचे, दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में बिजली-पानी व चाहरदीवारी न होने सहित कई समस्याएं हैं, जिनके समाधान के लिए पूर्व सरकार के आश्वासन खोखले ही साबित हुए हैं।
जम्मू कश्मीर में पहले न तो शिक्षा नीति थी और न ही शिक्षा का अधिकार कानून। अब केंद्र सरकार की शिक्षा नीति लागू होगी। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया है। उच्च शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने के लिए पिछले साल 52 डिग्री कॉलेज खोले गए थे। इन कॉलेजों के लिए जगह की पहचान हो चुकी है। प्री-फेब्रिकेटेड ढांचा तैयार करने की तैयारी है। इस साल 50 नए कॉलेज खोले जाने हैं, जिसमें प्रोफेशनल कॉलेज भी शामिल हैं। विशेष पैकेज से नए प्रोफेशनल कॉलेजों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
उच्च शिक्षा का ढांचा मजबूत करने के लिए इस समय जम्मू विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत एक सौ करोड़ रुपये की धनराशि हासिल हुई है। विवि का विस्तार हो रहा है। कई डिग्री कॉलेजों में निर्माण कार्य अधर में हैं। मौलाना आजाद मेमोरियल कॉलेज में स्वीङ्क्षमग पूल और ऑडिटोरियम का कार्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि लागत बढऩे से धनराशि जारी नहीं हो पा रही है। अब जम्मू कश्मीर के सभी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना और अध्यापकों की कमी पूरा करने पर सरकार का ध्यान केंद्रित रहेगा।
हजारों स्कूलों में बिजली-पानी की सुविधा तक नहींः जम्मू कश्मीर में नौ हजार से अधिक स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची है। चार हजार से अधिक स्कूलों में पीने का पानी नहीं है। अढ़ाई हजार से अधिक स्कूलों में शौचालय तक नहीं है। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में अध्यापकों की कमी है। विद्यार्थियों को फर्नीचर तक नहीं मिल पाते। हाल ही में समग्र शिक्षा के तहत ढाई लाख डेस्क उपलब्ध करवाए गए हैं।
कमजोर बुनियादी ढांचाः राज्य के स्कूलों में कमजोर बुनियादी ढांचा, पानी, बिजली व चाहरदीवारी न होना, इमारतों की खस्ताहालत, कमरों की कमी, खेल के मैदान व ढांचे न होना, अध्यापकों को आधुनिक शिक्षा की ट्रेङ्क्षनग नहीं देना, अध्यापकों की कमी, अध्यापकों को समय पर वेतन न मिलना व प्राइवेट स्कूलों की तरह जवाबदेही तय न होना शामिल हैं।
राज्य में स्कूलों की संख्या
- प्राइमरी- 14171
- मिडिल स्कूल- 6665
- हाई स्कूल- 1194
- हायर सेकेंडरी स्कूल- 597
- कुल स्कूल- 22627