केशवन जंगल में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों को लगाया, फिलहाल कोई सुराग नहीं Kishtwar News
किश्तवाड़ प्रशासन ने केशवन जंगल के आसपास के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
किश्तवाड़, जेएनएन। जिला किश्तवाड़ में केशवन के घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों को पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने खोजी कुत्तों की मदद ली है। सुबह से आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान जारी है परंतु अभी तक किसी का भी सुराग नहीं लग पाया है। हालांकि पुलिस को मुठभेड़ स्थल पर खून के धब्बे अवश्य दिखे हैं। इससे यह तो पक्का हो गया है कि शुक्रवार को जंगल में आतंकवादियों के साथ जारी मुठभेड़ के दौरान आतंकियों का एक साथी घायल हो गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह तड़के सुरक्षाबलों ने खोजी कुत्तों को साथ लेकर आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए जोरशोर से अभियान चलाया हुआ है। अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिली है। परंतु सुरक्षाबलों को पूरा यकीन है कि आतंकी जंगल में ही पनाह लिए हुए हैं और उन्हें जल्द ही ढूंढ निकाला जाएगा। सुरक्षाबल यह भी दावा कर रहे हैं कि छिपे आतंकवादियों में एक घायल है। शुक्रवार को मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों की गोली से एक आतंकी घायल हो गया था। उसे बचाने के लिए आतंकी मौका पाकर वहां से फरार हो गए। जांच के दौरान सुरक्षाबलों को मुठभेड़ स्थल से खून के धब्बे भी मिले हैं।
किश्तवाड़ प्रशासन ने केशवन जंगल के आसपास के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है। पुलिस व सेना के जवानों ने लोगों को संदिग्ध देखे जाने पर उन्हें तुरंत सूचित करने को भी कहा है। सैन्य जवानों ने कहा कि खोजी कुत्तों की मदद से छिपे आतंकवादियों को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा। सनद रहे कि 31 मई को किश्तवाड़ जिले के मढ़वा डच्चन बेल्ट में आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें दो एसपीओ घायल हो गए थे। हमला करके आतंकवादी वहां से बच निकलने में रहे।
पिछले करीब एक साल के दौरान किश्तवाड़ जिले में आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसा लग रहा है कि आतंकवादी एक बार फिर इस जिले में अपना गढ़ स्थापित करने की फिराक में हैं। कश्मीर में सुरक्षाबलों के अभियानों से तंग आ चुके आतंकवादी अब इस जिले की ओर रूख कर रहे हैं। आतंकवादियों ने गत वर्ष नवंबर में इसी जिले में भारतीय जनता पार्टी के सचिव अनिल परिहार और उसके भाई अजीत परिहार की हत्या कर दी थी। उसके बाद इसी साल अप्रैल में एक बार फिर आतंकवादी जिला अस्पताल किश्तवाड़ में घुसकर आरएसएस के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके सुरक्षा गार्ड की हत्या कर वहां से फरार हो गए।
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