जम्मू, श्रीनगर में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर, मोबाइल फोन की तरह उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे
बिजली चोरी रोकने और बिलों में पारदर्शिता लाने के लिए जम्मू और श्रीनगर में अगले महीने से स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। पहले चरण में दोनों शहरों में 20 हजार मीटर लगेंगे। ये मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करके चलेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। बिजली चोरी रोकने और बिलों में पारदर्शिता लाने के लिए जम्मू और श्रीनगर में अगले महीने से स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। पहले चरण में दोनों शहरों में 20 हजार मीटर लगेंगे। ये मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करके चलेंगे। उपभोक्ताओं को नियमित बिजली मिले इस पर कंट्रोल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।रविवार को बिजली विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बैठक कर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं और स्मार्ट मीटर लगाने पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में प्रोजेक्ट इंप्लीमें¨टग एजेंसी (पीआईए), आरइसीपीडीसीएल ने बताया कि स्मार्ट मीटर 15 नवंबर से श्रीनगर और जम्मू शहरों में लगाए जाएंगे। पहले चरण में 20,000 मीटर लगाए जाएंगे। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक पीएमडीपी के तहत जारी 2 लाख मीटर लगाए नहीं जाते। प्रमुख सचिव ने कहा कि मीटर लगाने की प्रक्रिया में कोई भी देरी न हो। शहरी या ग्रामीण क्षेत्र दोनों ही जगहों पर केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत मीटर लगाए जा रहे हैं। बैठक में आरईसीपीडीसीएल के अधिकारियों ने जानकारी दी कि स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्तााओं को बिजली की खपत और वास्तविक समयानुसार बिल की जानकारी मिलेगी। बैठक में यह भी बताया गया कि उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को रिचार्ज किया जा सकता है जैसे मोबाइल फोन को रिचार्ज कर सकते हैं, इसलिए मैनुअल मीटर री¨डग और पेपर बिल वितरण की आवश्यकता को समाप्त किया जा रहा है। संचार चैनलों के माध्यम से जम्मू में श्रीनगर में डाटा सेंटर और जम्मू में डाटा रिकवरी सेंटर में मीटरों को दूरस्थ रूप से पढ़ा जाएगा, जो वितरण निगमों को उपभोक्ता अंत में बिजली आपूर्ति की स्थिति जानने और त्वरित कार्रवाई करने की सुविधा प्रदान करेगा। कंसल ने कहा कि स्मार्ट मीटर से मीट¨रग, बि¨लग और भुगतान में पारदर्शिता आएगी। इससे उपभोक्तओं को बेहतर गुणवत्ता वाली बिजली मिलेगी। परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समयसीमा पर विशेष ध्यान देते हुए प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रशासनिक विभाग स्तर पर परियोजना निगरानी इकाई स्थापित की है। वेब आधारित डैशबोर्ड बनाया है जिसके माध्यम से भौतिक, वित्तीय सहित परियोजना की स्थिति प्रगति, उपलब्धियां और अड़चनें नियमित रूप से बताई जा रही हैं।