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SKUAST Jammu के अध्यापक उपराज्यपाल से मिलकर बोले- उन्हें चुनाव ड्यूटी से रखा जाए दूर

शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) स्काॅस्ट जम्मू के अध्यापकों ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की है कि टीचिंग स्टाॅफ को चुनाव डयूटी से दूर रखा जाए। शिष्टमंडल ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और अपनी मांगों से अवगत कराया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 03:04 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 03:06 PM (IST)
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) जम्मू

जम्मू, जागरण संवाददाता । शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST),  स्काॅस्ट जम्मू के अध्यापकों ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की है कि टीचिंग स्टाॅफ को चुनाव डयूटी से दूर रखा जाए। टीचर्स फोरम स्काॅस्ट के एक शिष्टमंडल ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और अपनी मांगों से अवगत कराया।

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चुनाव में ड्यूटी से लगने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है

उन्होंने कहा कि स्काॅस्ट के अध्यापकों के पास विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा तो है ही वहीं यह अध्यापक अनुसंधान के काम में भी जुटे होते हैं। चुनाव में ड्यूटी लगने के कारण इन अध्यापकों का अपने काम पर तो असर पड़ता ही है वहीं यूनिवर्सिटी के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। लिहाजा शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के अध्यापकों को चुनावी ड्यूटी से छूट दी जाए। इससे अनुसंधान का काम बिना रोक टोक के आगे बढ़ेगा ही वहीं स्काॅस्ट के विद्यार्थियों की कक्षाएं नियमित तौर पर चल सकेंगी।

सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी बनाये जाने की मांग

उन्होंने स्काॅस्ट को अपग्रेड कर सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी बनाये जाने की मांग की क्योंकि स्काॅस्ट विभिन्न क्षेत्र की जलवायु, विभिन्न परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं दे रहा है। लंबे समय से मांग हो रही है कि स्काॅस्ट का दर्जा बढ़ाया जाए। साथ ही कहा गया कि शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में खाली पड़े पदों को बिना देरी के भरा जाए। यहां पर वैज्ञानिक, तकनीक कर्मी, फील्ड स्टाफ के 35 फीसद पद खाली पड़े हुए हैं। स्टाॅफ कम होने के कारण यूनिवर्सिटी का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसलिए इन पदों को जल्दी से जल्दी भरा जाना चाहिए।

शिष्टमंडल ने रियासी, कठुआ व पुंछ जिलों में दो-दो कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इन जिलों का क्षेत्र काफी फैला हुआ है, यहां पर दो-दो कृषि विज्ञान केंद्र होने से दूर दराज के किसानों को लाभ मिल पाएगा। शिष्टमंडल में प्रो. केके सूद, प्रो. राजेद्र, डा. परमिंद्र सिंह, डा. एपी सिंह मौजूद थे।  


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