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गुलमर्ग में बर्फ की कमी से स्कीइंग प्रभावित

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में इस साल मौसम नाराज रहा। पर्यटन स्थल में बर्फ की कमी ने सैलानियों को निराश किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 11:42 AM (IST)
गुलमर्ग में बर्फ की कमी से स्कीइंग प्रभावित
गुलमर्ग में बर्फ की कमी से स्कीइंग प्रभावित

जम्मू, राज्य ब्यूरो। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में इस साल मौसम नाराज रहा। पर्यटन स्थल में बर्फ की कमी ने सैलानियों को निराश किया। इस मौसम में कम से कम तीन फीट बर्फ से लदी रहने वाली ढलानों पर करीब आधा फीट बर्फ रह जाने से स्कीइंग प्रभावित हो गई।

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क्षेत्र में बुधवार सुबह बर्फ तो पड़ी, लेकिन थोड़ी देर बाद पिघल गई। यह सिलसिला 18 दिसंबर के बाद से जारी है। दिसंबर में अच्छी बर्फ पड़ी थी। बाद में कई बार सिर्फ नाम की बर्फ गिरी। ऐसे हालात में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड स्कीइंग के लिए प्रशिक्षण शिविर पूरा करना मुश्किल हो गया। अंतिम दिनों में ढलानों में बर्फ नहीं थी। ऐसे में काम चलाने के लिए मशीनों की सहायता से बर्फ जुटानी पड़ी। इससे बेसिक कोर्स तो संभव हो गया, लेकिन एडवांस कोर्स नहीं हुआ।

बुधवार को संस्थान के प्राचार्य जेएस ढिल्लो के नेतृत्व में छठा स्कीइंग कोर्स संपन्न हो गया। यह संस्थान का अंतिम स्कीइंग कोर्स था। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए 80 स्कूली बच्चों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 15 जवानों ने भी हिस्सा लिया। केरिपुब ने इस शिविर के लिए जवानों के पांच बच्चों को प्रायोजित किया था। ये बच्चे केरिपुब के डीजी द्वारा चलाए जा रहे एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से आए थे।

इसके बावजूद बच्चों ने भी गुलमर्ग की खूबसूरती का आनंद उठाने के साथ स्कीइंग सीखा। केरिपुब कश्मीर के आइजी रविदीप साही ने शिविर में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों में प्रमाण पत्र बांटें। उनके साथ केरिपुब की 49वीं बटालियन के कमान अधिकारी आलोक श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मधुलिका भी मौजूद थे। गुलमर्ग में 14 दिवसीय कैंप के शुरुआती एक हफ्ते में तो कम बर्फ से काम चल गया था। दूसरे हफ्ते में कई जगहों पर बर्फ पिघलने से ढलानों पर जमीन दिखने लगी। ऐसे में वहां पर स्कीइंग करना संभव नहीं था। सिर्फ संस्थान ही नहीं, क्षेत्र के कई लोग अपने स्तर पर सैलानियों को स्कीइंग करवाते हैं।

स्थानीयवासी शफी ने बताया कि पिछले साल गुलमर्ग में ठीकठाक बर्फ थी। पहले 8 से 10 फीट बर्फ पड़ती थी। इस सीजन में बहुत कम बर्फबारी निराशाजनक है। कम बर्फ होने का प्रभाव फलों के सीजन पर भी पड़ता है। ऐसे में लोग उम्मीद करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बर्फबारी हो ताकि पर्यटक अच्छी यादें लेकर घर लौटें।


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