Move to Jagran APP

सुरक्षा की गारंटी से पहले नहीं जाएंगे सिख कर्मी नौकरी पर, कश्मीर सिंख संगत ने सरकार से किया स्पष्ट

जम्मू में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए संगत के पदाधिकारियों ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हमलावरों बारे लोगों को जानकारी है। उन्हें अज्ञात कहना गलत है। वह इसी इलाके से हैं और लोग उन्हें जानते भी हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 04:15 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 04:15 PM (IST)
सिख कर्मी तब तक नौकरी पर नहीं जाएगा जब तक सरकार उन्हें सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं दे देती।

जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर में गैर मुस्लिम लोगों को निशाना बनाए जाने की घटनाओें के बाद कश्मीर सिख संगत ने सिख समुदाय से फिलहाल नौकरियों से न जाने की अपील की है। इसके साथ ही कमेटी सरकार को स्पष्ट किय गया है कि कोई भी सिख कर्मी तब तक नौकरी पर नहीं जाएगा जब तक सरकार उन्हें सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं दे देती।

loksabha election banner

जम्मू में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए संगत के पदाधिकारियों ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हमलावरों बारे लोगों को जानकारी है। उन्हें अज्ञात कहना गलत है। वह इसी इलाके से हैं और लोग उन्हें जानते भी हैं। वहीं गैर मुस्लिम शिक्षकों को निशाना बनाए जाने पर संगत के पदाधिकारियों ने कहा कि आतंकियों ने फरमान जारी कर बताया कि पंद्रह अगस्त को स्कूल में तिंरगा फहराने के बदले इन हत्याओें को किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आतंकी बुरहान वानी का पिता त्राल में तिरंगा फहराता है तो उसे कुछ नहीं किया गया क्योंकि वह बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि जिन दो गैर मुस्लिम शिक्षकों को मौत के घाट उतारा गया उनका क्या कसूर था। सिर्फ इतना ही प्रिंसिपल सिख थी और दीपक चंद हिंदू था। दोनों ही शिक्षक कश्मीर के बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाने का प्रयास कर रहे थे और हम कश्मीर के बहुसंख्यक समुदाय से अपील करे हैं कि वह भी इन हत्याओं की खुलकर निंदा करें। नब्बे के दशक में श्रीनगर में कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद भी सिख समुदाय वहीं पर डटा रहा है जबकि वर्ष 2000 में कश्मीर के छत्तीसिंहपाेरा में 36 सिखों की हत्या के बाद भी उन्होंने घाटी नहीं छोड़ी थी। उधर सरकार ने भी कश्मीर में गैर मुस्लिम कर्मचारियों को दस दिन की छुट्टी दी है। यह फैसला सरकार ने वीरवार को ईदगाह में दो शिक्षकों की मौत के बाद लिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.