जम्मू शहर में खतरा बनकर खड़े हैं पानी के 48 जर्जर टैंक
जम्मू शहर व उसके बाहरी इलाकों में 48 ओवरहेड वाटर टैंक जर्जर हालत में हैं। पानी की स्पलाई के लिए बनाए गए यह टैंक अब बेकार पड़े हुए है। उनमें से 6 को असुरक्षित घोषित भी किए गए है
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू शहर व उसके बाहरी इलाकों में 48 ओवरहेड वाटर टैंक जर्जर हालत में हैं। पानी की स्पलाई के लिए बनाए गए यह टैंक अब बेकार पड़े हुए है। उनमें से 6 को असुरक्षित घोषित भी किए गए है। केवल इनका ढांचा हवा में खड़ा है। जिसका मियाद पूरी हो चुकी है और कभी भी जमींदोज हो सकते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जम्मू में 48 ओवर हेड टैंकों को पंगु घोषित किया गया। राज्य प्रशासन ने इनकी मरम्मत का काम इक्नामिक रिकंस्ट्रक्श्न कंपनी को इनकी मरम्मत करनी थी। लेकिन इरा ने नए ओवर हेड टैंक तो बना दिए लेकिन मरम्मत की ओर ध्यान नही दिया। शहर के अलग.अलग इलाकों में पानी की सप्लाई के लिए बनाए गए ज्यादातर ओवरहेड वाटर टैंक अब इस्तेमाल में नहीं हैं। जिस वजह से यह अब जर्जर हो चुके हैं और आसपास के लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं।
कुछ वाटर टैंक तो इतने जर्जर हो चुके हैं कि वह कभी गिर सकते हैं और जानमाल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। करीब 9 साल पहले शहर के सभी ट्यूबवेल आपस में जुड़ गए तो उसके बाद शहर में सीधी वाटर सप्लाई शुरू हो गई। तब से इन ओवर हेड वाटर टैंकों का प्रयोग कम हो गया। उन इलाकों में पानी की टंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा हैए जहां पर पानी की खपत ज्यादा है। इस तरह एक दर्जन के करीब टंकियों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। बाकी की टंकियां तब से इस्तेमाल में नहीं हैं।
एक आेएचटी टैंक को गिराने में 5 से 7 लाख रूपये खर्च होते हैं। बेशक सरकार ने इन्हें गिराने और उनकी मरम्मत का काम सौंपा है, लेकिन अभी तक इन्हें गिराने में कोई कदम नही उठाया गया।
प्लौड़ा में वर्ष 2009 में गिरा था ओएचटी
शहर के प्लौड़ा इलाके में निर्माणाधीन ओवर हेड टैंक वर्ष 2009 ताश के पत्तों की तरह गिर गया था। तड़के गिरने के कारण कोई जानी नुकसान तो नही हुआ था। तत्कालीन पीडीपी और कांग्रेस की गठजोड़ सरकार में मंत्री रहे ताज मोहियूदीन ने 4 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था लेकिन विगत दिवस हुई दुर्घटना राज्य प्रशासन की नींद खोलने में काफी सहायक होगा।