Jammu Kashmir: अलगाववादी शब्बीर शाह ने 2015 में दिया था राष्ट्रविरोधी भाषण, अब मिली मुकदमा चलाने की हरी झंडी
28 मार्च 2015 को पुलिस ने बांडीपोरा में शब्बीर शाह पर मामला दर्ज किया था। वहां शाह ने जुमे की नमाज के बाद राष्ट्रविरोधी रैली को संबोधित किया था और देश विरोधी नारे भी लगाए गए थे। जम्मू कश्मीर सरकार ने अब उनके खिलाफ मुकदमे को हरी झंडी दी है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर सरकार ने पुलिस को अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत छह साल पुराने एक मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। उसके खिलाफ टेरर फंडिंग और हवाला कारोबार के मामले में भी मामले दर्ज हैं। वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि 28 मार्च 2015 को पुलिस ने बांडीपोरा में शब्बीर शाह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शब्बीर शाह उस दिन बांडीपोरा में थे। वहां उन्होंने एक जगह जुमे की नमाज के बाद राष्ट्रविरोधी रैली को संबोधित किया था। रैली के दौरान उन्होंने देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाला भड़काऊ भाषण दिया। देश विरोधी नारे भी लगाए गए थे।
पुलिस ने इसकी जांच की और फिर एफआइआर दर्ज कर ली थी। मामले की जांच के बाद शब्बीर शाह के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए गृह विभाग को लिखा गया था। डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के चेयरमैन शब्बीर शाह के खिलाफ गृह विभाग ने सोमवार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा 13 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।
गौरतलब है कि शब्बीर शाह को टेरर फंडिंग के सिलसिले में एनआइए ने जुलाई 2018 में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी हवाला के सिलसिले में वर्ष 2005 में दर्ज एक मामले की मामले में कार्रवाई जारी कर रखी है।
ईडी पहले ही टेरर फंडिंग के एक मामले में उनकी पत्नी डा: बिलकिस शाह को भी आरोपी बना चुका है और उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की जा चुकी है। उन पर शब्बीर शाह के साथ मिलकर दो करोड़ की राशि हवाला डीलर के माध्यम से लेने का आरोप है। आरोपपत्र के अनुसार शब्बीर शाह इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और उन पर जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए इस धन के इस्तेमाल का आरोप है।