कश्मीरी पंडित तुलमुला रवाना, पंडितों के लिए नहीं बनेंगी अलग कॉलोनियां
अब विस्थापित कश्मीरी पंडितों को किसी अलग जगह आवासीय सुविधा नहीं मिलेगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला इलाके में 20 जून से शुरू होने वाले मां क्षीर भवानी मेले में भाग लेने के लिए नगरोटा में कश्मीरी पंडितों का जमावड़ा लगा। पंडितों ने सफर शुरू करने से पहले मां के जयकारे लगाए। आपदा प्रबंधन और राहत, पुनर्वास मंत्री जावेद मुस्तफा मीर ने पंडित समुदाय को मेले की बधाई दी। इस अवसर पर रिलीफ कमिश्नर सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
यात्रा में शामिल पंडितों ने कहा कि वह घर वापसी चाहते हैं। टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल ने कहा कि घाटी से विस्थापित हुए पंडितों को 28 साल बीत गए हैं। यही अवसर है जिनके माध्यम से वे अपनी जन्मभूमि से जुड़े हैं। मेले में शामिल होने के लिए जगटी विस्थापित कैंप के बाहर कश्मीरी पंडितों का जमावड़ा लगा हुआ था। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए रिलीफ विभाग की ओर से एसआरटीसी की 72 बसें बुक की गई थीं। पांच हजार के करीब श्रद्धालु बसों में घाटी को रवाना हए।
इसके अलावा दुर्गानगर, तालाब तिल्लो, नगरोटा, वृजनगर कॉलोनियों में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवार भी जम्मू से निजी वाहनों में रवाना हुए। देर शाम श्रीनगर और उसके बाद तुलमुला पहुंचे पंडित मंगलवार को मां राघेन्या के दरबार में अपनी हाजिरी देंगे। मेले में जम्मू के अलावा दिल्ली, पुणे व बेंगलुरु से भी श्रद्धालु तुलमुला स्थित मां के मंदिर में अपनी हाजिरी देंगे। वहीं, जम्मू के भवानी नगर स्थित क्षीरभवानी मंदिर में मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। ज्येष्ठाष्टमी को हजारों कश्मीरी पंडित जम्मू में मां राघन्या की पूजा-अर्चना करेंगे।
कश्मीरी पंडित श्रद्धालुओं के वाहनों पर पथराव
गांदरबल के अंतर्गत तुलमुला में कश्मीरी पंडितों की आराध्य देवी मां क्षीर भवानी के मेले में शामिल होने के लिए सोमवार सुबह जम्मू से निकले काफिले में शामिल कुछ वाहनों पर देर शाम शरारती तत्वों ने पथराव किया। मंदिर स्थल से करीब दो किलोमीटर पहले हुए पथराव में श्रद्धालुओं को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन कुछ वाहनों के शीशे टूट गए। देर रात वाहन में सवार श्रद्धालुओं को सूमो में बिठाकर मंदिर तक पहुंचाया गया।
जम्मू के नगरोटा से सुबह 72 बसों में करीब पांच हजार कश्मीरी पंडित श्रद्धालु घाटी रवाना हुए। इसके अलावा कई परिवार जम्मू से निजी वाहनों में भी निकले। पथराव रात करीब सवा नौ बजे हुआ। इसमें बस नंबर जेके02एएम-8579 के शीशे टूट गए।रिलीफ कमिश्नर जम्मू एमके रैना ने बताया कि सूचना मिली है कि शाम को मीर बाजार में पहले से पथराव हो रहा था। इस बीच, जब काफिले में शामिल वाहन गुजरे तो एक-दो पत्थर लगे। उन्होंने कहा कि किसी ने भी कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर पथराव नहीं किया है।
वाहन कड़ी सुरक्षा में भेजे गए थे। सभी श्रद्धालुओं सुरक्षित हैं और रात को करीब तीन हजार श्रद्धालु मंदिर में पहुंच चुके थे। तीन अन्य जगह पर भी मेले का आयोजन किया गया है, वहां भी काफी श्रद्धालु पहंच गए हैं। इस बीच, थाना प्रभारी क्षीर भवानी सल्फिया अरशद ने कहा कि श्रद्धालुओं पर पथराव नहीं हुआ है, अगर श्रीनगर के आसपास किसी जगह किसी वाहन पर शरारती तत्वों ने पत्थर फेंके हों तो उससे इन्कार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि मां क्षीर भवानी का वार्षिक मेला मंगलवार शाम को शुरू होगा और मुख्य पूजा और पूर्णाहुति बुधवार को होगी।
कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनियां नहीं बनेंगी
प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत रोजगार हासिल करने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों को अब दरबार मूव (सचिवालय) के साथ शिफ्ट होने वाले व अन्य कर्मियों (मूव-नॉन मूव) के बीच ही रहना होगा। अब विस्थापित कश्मीरी पंडितों को किसी अलग जगह आवासीय सुविधा नहीं मिलेगी। उनके लिए ऐसी आवासीय कॉलोनियां विकसित होंगी जहां राज्य सरकार के मूव-नॉन मूव कर्मियों के आवासीय क्वार्टर भी होंगे।मौजूदा समय में राज्य सरकार कश्मीर में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए विभिन्न जिलों में ट्रांजिट आवासीय सुविधा उपलब्ध करा रही है।
इन क्वार्टरों में सिर्फ कश्मीरी पंडित ही रहते हैं। अलबत्ता, अब उनके लिए अलग से ट्रांजिट आवासीय सुविधा या कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया को राज्य सरकार बंद करने जा रही है। इसका खुलासा सोमवार को लोक निर्माण मंत्री नईम अख्तर ने पीडब्ल्यूडी (पॉवर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट), आरएंडबी (रोड एंव बिल्डिंग) व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों संग राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बनाए जाने वाले बंकरों की योजना और विस्थापितों के लिए आवासीय सुविधा निर्माण योजना की समीक्षा करते हुए किया।
नईम अख्तर ने वादी में जारी विकास कार्यो की समीक्षा करते हुए बताया कि विस्थापितों के लिए अलग आवास बनाने के बजाय अब विभिन्न स्थानों पर मिश्रित आवासीय सुविधा विकसित की जाएंगी। इस मिश्रित आवासीय सुविधा में राज्य सरकार के मूव-नॉन मूव कर्मियों के भी क्वार्टर होंगे, जहां वह अपने परिवार संग रह सकेंगे। इससे कश्मीर की सदियों पुरानी सांप्रदायिक सौहार्द और मिलीजुली संस्कृति को बढ़ाने में मदद मिलेगी।उन्होंने बताया कि इन मिश्रित आवासीय कॉलोनियों के निर्माण के लिए जगह को भी चिन्हित किया जा चुका है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर काम हो रहा है।
इन प्रस्तावित कालोनियों में सामुदायिक भवन, पाíकंग व्यवस्था, पार्क, खेल का मैदान और हरित पट्टियां भी होंगी। बैठक में मुख्य सचिव बीबी व्यास, प्रधान सचिव गृह आर के गोयल, आयुक्त सचिव आर एंड बी संजीव वर्मा, विकास आयुक्त वर्क्स आरके राजदान, मुख्य अभियंता आरएंडबी जम्मू सुधीर शाह, मुख्य अभियंता आरएंडबी कश्मीर निसार अहमद भट्ट, जम्मू-कश्मीर परियोजना निर्माण निगम (जेकेपीसीसी) के प्रबंध निदेशक निसार अहमद भट्ट व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।