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बैट हमलेे में शहीद हुए सुखविंदर के तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेजा गया

एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते के एक हमले को नाकाम बनाते शहीद हुए सिपाही सुखविंदर का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेज दिया गया। ि‍

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 01:42 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 05:00 PM (IST)
बैट हमलेे में शहीद हुए सुखविंदर के तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेजा गया
बैट हमलेे में शहीद हुए सुखविंदर के तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेजा गया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते के एक हमले को नाकाम बनाते शहीद हुए सिपाही सुखविंदर सिंह का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ भठिडां पंजाब में उसके परिजनों के पास भेज दिया गया।

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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आज सुबह यहां बादामी बाग सैन्य छावनी में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में शहीद को अंतिम विदाई दी गई। चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट समेत सेना वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों के अलावा अर्धसैनिकबलों के वरिष्ठ अधिकारी , राज्य पुलिस और नागरिक प्रशासन के आलाधिकारी भी शहीद को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्रद्धांजली समारोह में शामिल हुए। उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और फूलमालाएं भेंट कर उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजली अर्पित की।

यहां यह बताना असंगतन नहीं होगा कि गत सुबह पाकिस्तानी सेना का एक  बैट दस्ता केरन सेक्टर में एलओसी पर तारबंदी के पास पहुंच गया था। सेना की 6 आरआर के जवानों ने जब वहां तलाशी अभियान चलाया तो बैट दस्ते ने हमला कर दिया। जवानों नेे भी जवाबी फायर किया और बैट हमले को नाकाम बना दिया। लेकिन इस दौरान दो सैन्यकर्मी गंभीर रुप से घायल हो गए। उनमें से एक सुखविंदर सिंह ने अस्पताल में अपने जख्मों की ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। शहीद सिपाही सुखविंदर सिंह 26 साल के थे और वह वर्ष 2012 में सेना में भर्ती हुए थे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि शहीद सुखविंदर सिंह पंजाब के जिला भठिंडा के अंतर्गत भागता भैका तहसील में हकमसिंगवाला गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में अब उनके माता-पिता के अलावा दो भाई रह गए हैं। शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ हवाई जहाज के जरिए शहीद के परिजनों के पास भेजा गया है। 


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