अंगदान को मिले बढ़ावा तो बच सकती हैं कई जानें
राजकीय मेडिकल कालेज की प्रिसंपल डॉ. सुनंदा रैना का कहना है कि अंगदान की कमी को देश में तभी दूर किया जा सकता है हादसों में मारे गए लोगों के अंगदान कार्यक्रम को मजबूत बनाया जा सके।
राज्य ब्यूरो, जम्मू । राजकीय मेडिकल कालेज की प्रिसंपल डॉ. सुनंदा रैना का कहना है कि अंगदान की कमी को देश में तभी दूर किया जा सकता है हादसों में मारे गए लोगों के अंगदान कार्यक्रम को मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी को दूसरा जीवन देने से बेहतर कोई बात नहीं हो सकती। वह अंगदान पर पहली बार आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन मेडिकल कालेज जम्मू ने रीजनल आर्गन एंड टीश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के सहयोग से किया था।
इसमें तीन सौ के करीब डाक्टरों व अन्य ने भाग लिया। कइयों ने अंगदान करने की शपथ भी ली। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सड़क हादसों में हर दिन चार सौ लोगों की मौत होती है। अगर इनके अंगदान हों तो इससे कइयों को दूसरा जीवन दिया जा सकता है। उन्होंने इस दिशा में बेहतर काम करने के लिए पीजीआई चंडीगढ़ की सराहना की। पीजीआई चंडीगढ़ में अस्पताल प्रशासन के हेड और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.एके गुप्ता ने कहा कि हमारे देश में पांच लाख से अधिक लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोगों में जागरूकता तो कइयों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने अंग प्रत्यारोपण में कानूनी पहलुओं पर भी जानकारी दी। उन्होंने अस्पतालों का ट्रांसप्लांटेशन सेंटरों में पंजीकरण करवाने व अन्य सभी सुविधा उपलब्ध करवाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ ने हादसों के दौरान मारे जाने वाले लोगों के अंगदान में काफी काम किया है और इस अस्पताल को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। पीजीआई में ही रेनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख डा. आशीष शर्मा ने कहा कि रेनल ट्रांसप्लांट में बहुत अधिक तकनीक आ गई हैं। अब ट्रांसप्लांट करने वाले लोग पहले की अपेक्षा अधिक वषों तक ¨जदगी जीते हैं।
पीजीआई का एक मरीज 33 साल से जी रहा है। उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद किडनी दान करने वालों की संख्या साल 2017 में दो से बढ़कर 80 हो गई। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अशोक शर्मा ने जम्मू कश्मीर में कार्निया दान के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।