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रैली स्थल पूरी तरह सील, 40 कंपनियां तैनात

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कर

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 02:08 AM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 02:08 AM (IST)
रैली स्थल पूरी तरह सील, 40 कंपनियां तैनात
रैली स्थल पूरी तरह सील, 40 कंपनियां तैनात

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए किसी वारदात को अंजाम न दे सकें, इसके लिए पूरी रियासत में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ प्रधानमंत्री के रैलीस्थल को पूरी तरह सील कर दिया गया है।

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प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान पुलिस व अर्धसैनिकबलों की 40 कंपनिया रैली स्थल और आसपास के इलाकों में सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी। इसके अलावा ड्रोन व हेलीकाप्टर भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होंगे। जम्मू में विजयपुर में प्रधानमंत्री की रैली के दौरान सीमावर्ती इलाकों की तरफ से आने वाली सड़कें और श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में प्रधानमंत्री की मौजूदगी के दौरान इससे सटी सड़क आम आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद रहेगी। डल झील में भी शनिवार की दोपहर बाद सैलानी नेहरू पार्क से आगे झील में नौका विहार नहीं कर पाएंगे।

इस बीच, शुक्रवार को एडीजी सीआइडी ने एसकेआइसीसी में प्रधानमंत्री के आगमन के संदर्भ में कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसपीजी के दल ने भी एसकेआइसीसी में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री रविवार को राज्य दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह जम्मू संभाग में 35 हजार और कश्मीर व लददाख में नौ हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

सूत्रों की मानें तो ऑपरेशन ऑलआउट से अपने अधिकाश कमाडरों व कैडर के मारे जाने से हताश आतंकी सरगना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान किसी तरह की वारदात कर हताश कैडर का मनोबल बढ़ाया जाए। इसलिए आतंकी किसी पुलिस चौकी, सुरक्षा प्रतिष्ठान या किसी अन्य जगह हमला कर सकते हैं। हालाकि सुरक्षा एजेंसिया प्रधानमंत्री की रैली पर किसी आतंकी हमले की आशका को निराधार बताती हैं, लेकिन बीते एक सप्ताह के दौरान सरहद पार से घुसपैठ की घटना और रैलीस्थल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से ज्यादा दूरी न होने के कारण किसी भी तरह की चूक महंगी साबित हो सकती है। इसके अलावा नौ फरवरी को आतंकी अफजल गुरु की बरसी है और उसके नाम पर जैश ए मोहम्मद ने एक आत्मघाती दस्ता अफजल गुरु ब्रिगेड बना रखा है। इसलिए जेश ए मोहम्मद का भी प्रयास रहेगा कि वह प्रधानमंत्री की रैली के दौरान किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे।

सभी संभावित आशकाओं और संभावनाओं की लगातार समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री के कश्मीर दौरे के दौरान रियासत में सुरक्षा व्यवस्था का माहौल बनाए रखने के लिए आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं। पठानकोट से लेकर श्रीनगर तक हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस, सेना व सीआरपीएफ के जवानों ने अस्थायी चौकिया स्थापित की हैं और वहा से गुजरने वाले लोगों और वाहनों की जाच हो रही है।

बीते पाच वर्षो में 11वीं बार राज्य के दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान आतंकियों को किसी भी तरह का मौका नहीं देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर विशेष चौकसी बरतते हुए लोगों को भी संदिग्ध तत्वों की निगरानी के लिए कहा जा रहा है। सीमा सुरक्षाबल व सेना के जवान ही नहीं राज्य पुलिस और ग्राम सुरक्षा समितिया भी कई जगह सुरक्षाबलों के साथ गश्त में हिस्सा ले रहे हैं। पहाड़ी व दूरदराज इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

श्रीनगर में रविवार को डल गेट से आगे फोरशोर रोड-डक पार्क तक का हिस्सा आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद रहेगा। हारवन, निशात में रहने वाले लोगों को अगर लालचौक या डलगेट आना होगा तो उन्हें हजरतबल के रास्ते डाउन-टाउन से होते हुए आना होगा। इसके अलावा डल झील में भी शनिवार दोपहर बाद नेहरू पार्क से आगे आम सैलानी या अन्य लोग नौका विहार के लिए नहीं जा पाएंगे।


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