अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए आतंकरोधी अभियान होंगे तेज, ड्रोन-स्टिकी बम से निपटने पर भी किया मंथन
अमरनाथ यात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक जारी रहेगी। कोरोना के चलते दो वर्ष बाद होने जा रही यात्रा में इस बार करीब आठ लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। वहीं विभिन्न आतंकी संगठनों ने भी यात्रा पर हमले की धमकी दी है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : श्री अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और शांत वातावरण में संपन्न कराने के लिए सभी यात्रा मार्गों पर आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाई जाएगी। ड्रोन व स्टिकी बम हमले को नाकाम बनाने के लिए सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसियां मिलकर एक साझा रणनीति पर काम करेंगी। यह फैसला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार की अध्यक्षता में हुई एक सुरक्षा समीक्षा बैठका में लिया गया।
अमरनाथ यात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक जारी रहेगी। कोरोना के चलते दो वर्ष बाद होने जा रही यात्रा में इस बार करीब आठ लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। वहीं विभिन्न आतंकी संगठनों ने भी यात्रा पर हमले की धमकी दी है। पवित्र गुफा की तरफ जाने के दो प्रमुख रास्ते हैं। एक दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग में पहलगाम की तरफ से और दूसरा सेंट्रल कश्मीर में जिला गांदरबल के बालटाल की तरफ से।
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी अब्दुल जब्बार व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में यात्रा के संदर्भ में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें अपने कार्याधिकार क्षेत्र की कानून व्यवस्था, आतंकियों की उपस्थिति और उन्हें समाप्त करने की रणनीति व यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाए जाने के संदर्भ में बताया।
बैठक में मौजूद रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यात्रा के दौरान आतंकियों द्वारा ड्रोन और स्टिकी बम के जरिए श्रद्धालुओं व सुरक्षाबलों को निशाना बनाए जाने की आशंका पर भी विस्तार से बात हुई है। इसके अलावा यात्रा के सभी मार्गों पर आतंकरोधी अभियान निरंतर चलाने व खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने का फैसला लिया गया।
आपको बता दें कि इस बार वार्षिक अमरनाथ दो साल के बाद होने जा रही है। ऐसे में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यात्रा में आठ लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे। यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को यकीनी बनाने के लिए चालीस हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा एजेंसियां प्रत्येक श्रद्धालु पर पूरी नजर रखेगी। पंजीकृत श्रद्धालुओं को आरएफ आईडी टैग दिया जाएगा। ताकि श्रद्धालुओं को ट्रैक किया जा सकेगा। लखनपुर से लेकर पूरे यात्रा मार्ग पर सुरक्षा घेरा पुख्ता रहेगा। हाईवे पर जगह-जगह सुरक्षा बलों का कैंप होगा।