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प्रयागराज में बनेगा शारदा पीठ के द्वार खोलने का दबाव, 8 फरवरी को होगा शारदा कुंभ स्नान

सेव शारदा कमेटी कश्मीर के पदाधिकारी रवींद्र पंडिता के अनुसार पहली बार कुंभ में शारदा मंदिर पर प्रदर्शनी आयोजित की गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 04:55 PM (IST)
प्रयागराज में बनेगा शारदा पीठ के द्वार खोलने का दबाव, 8 फरवरी को होगा शारदा कुंभ स्नान

जम्मू, राज्य ब्यूरो। करतारपुर कारिडोर की तर्ज पर ही गुलाम कश्मीर स्थित शारदा पीठ कारिडोर बनाने की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित इस मुद्दे पर अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में जुट गए हैं। अपने इस आंदोलन में साधु-संतों का समर्थन जुटाने के लिए पहली बार सेव शारदा कमेटी ने प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में इस धार्मिक स्थल के इतिहास को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई है। यही नहीं 6 फरवरी को साधु संतों का प्रयागराज में शारदा पीठ पर सम्मेलन भी करवाया जा रहा है। इसमें पूरी, कांची, बद्री, द्वारका, गौकरणा और और शिंगेरी के शंकराचायोें को आमंत्रित किया गया है। उसी दिन शारदा पीठ को खोलने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। इसके अलावा 8 फरवरी को कुंभ में शारदा कुंभ स्नान भी आयोजित किया जाएगा।

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सेव शारदा कमेटी कश्मीर के पदाधिकारी रवींद्र पंडिता के अनुसार पहली बार कुंभ में शारदा मंदिर पर प्रदर्शनी आयोजित की गई है। आजादी के बाद से अभी तक गुलाम कश्मीर में स्थित इस प्राचीन मंदिर में जाने की इजाजत नहीं मिली है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से कुंभ मेले में आने वाले करोड़ों लोगों को इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी दी जा रही है। साल 1948 तक शारदा पीठ पर बैठने वाले अंतिम संत स्वामी नंद लाल जी का आठ फरवरी को निर्वाण दिवस होता है। उसी दिन प्रयागराज में शारदा कुंभ स्नान आयोजित किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के हिंदुओं के अलावा देश भर से आने वाले लाखों लोग इसमें भाग लेंगे। सभी शंकराचार्य को भी आमंत्रित किया गया है। पंडिता ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार रहने वाले लोगों के साथ भी संपर्क बनाया हुआ है। यह दबाव बनाया जा रहा है कि इस पीठ के द्वार खोले जाएं। सबसे प्राचीन सभ्यता के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है। शारदा पीठ को खोलने के लिए पहले से ही प्रधानमंत्री, गृह मंत्री को लिखा गया है।

हाल ही में राज्य सभा में भी इस मुद्दे पर प्रश्न उठा था। राज्य के कई प्रमुख दलों पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला और प्रदेश कांग्रेस प्रधान जीए मीर ने भी इसका समर्थन किया है। सेव शारदा पीठ भी सरकार पर दबाव बना रही है।


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