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JMC: ठेकेदार सफाई कर्मचारियों से कर रहे धोखाधड़ी, प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की

वह यह कहकर कर्मचारियों को टालते हैं कि उन्होंने टीडीएस काटा है जबकि टीडीएस विभाग ने अदा करना होगा। उन्होंने कहा कि शहर में 1300 से ज्यादा एनजीओ सफाई कर्मचारी हैं। हरेक कर्मचारी के अगर दो-तीन दिन के पैसे कटेंगे तो महीने में यह राशि लाखाें में बन जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 05:21 PM (IST)
JMC: ठेकेदार सफाई कर्मचारियों से कर रहे धोखाधड़ी, प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की
इंप्लाइज प्राविडेंट फंड काटने के लिए विभाग द्वारा नियुक्त किए गए व्यक्ति के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।

जम्मू, जागरण संवाददाता: नगर निगम की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले सफाई कर्मचारियों की जेब टटोलने के लिए ठेकेदार कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। कभी देरी से आने तो कभी छुट्टी के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है ताकि वे तंग होकर समझौता करें और कुछ न कुछ महीने का कर्मचारियों से ऐंठा जा सके। इतना ही नहीं उनका टीडीएस काटने की धमकियां भी ठेकेदार दे रहे हैं। ऐसा करके ठेकेदार लाखों डकार रहे हैं।

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ठेकेदारों के इस रवैये से तंग आकर वीरवार को नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले टाउन हाल में प्रदर्शन करते हुए इन कर्मचारियों ने कहा कि निगम के अधिकारियों की कमजोरी के कारण ठेकेदार हावी हो गए हैं। वे सफाई कर्मचारियों के साथ मनमानी कर रहे हैं। यहां प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रधान रिंकू गिल ने कहा कि ठेकेदार जानबूझ कर सफाई कर्मचारियों को दो-तीन दिन अनुपस्थित कर देते हैं। उनकी हाजिरी में गड़बड़ी की जाती है ताकि उनके वेतन के साथ गड़बड़ी की जा सके।

वह यह कहकर कर्मचारियों को टालते हैं कि उन्होंने टीडीएस काटा है जबकि टीडीएस विभाग ने अदा करना होगा। उन्होंने कहा कि शहर में 1300 से ज्यादा एनजीओ सफाई कर्मचारी हैं। हरेक कर्मचारी के अगर दो-तीन दिन के पैसे कटेंगे तो महीने में यह राशि लाखाें में बन जाती है। इस प्रकार ठेकेदार कर्मचारियों को चूना लगा रहे हैं। सफाई कर्मचारियों के ज्यादा पड़े-लिखे और जानकार नहीं होने का फायदा ठेकेदार उठाने में लगे हैं। इतना ही नहीं इंप्लाइज प्राविडेंट फंड काटने के लिए विभाग द्वारा नियुक्त किए गए व्यक्ति के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।

गिल ने कहा कि मिस्टर सोनी सफाई कर्मचारियों का पीएफ का ऑनलाइन फार्म भरने के लिए पांच सौ रुपये लेते हैं। इतना ही नहीं वह भी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और कर्मचारियों को ठेकेदारों से मिलीभगत कर लूटने में लगे हुए हैं। उन्होंने एनजीओ सफाई कर्मचारियों के लिए कंसलटेंट के रूप में नियुक्त सोनी की जगह दूसरे इमानदारी व्यक्ति को लगाने की भी मांग की।

वहीं हेल्थ आफिसर डा. शमीम मीर ने कहा कि सफाई कर्मचारियों और ठेकेदार के मसले को प्रबंधन के समक्ष रखेंगे। कंट्रेक्ट के चलते निगम ज्यादा तो नहीं कर सकता परंतु ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। लिहाजा मसले पर गौर किया जाएगा। किसी भी कर्मचारी से धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं होगी।  


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