जम्मू-कश्मीर में दो पारिवारिक अदालतों का मार्ग प्रशस्त, एसएसी की बैठक में कई अहम फैसले
राज्य में इस समय पारिवारिक विवादों से जुड़े करीब 12 हजार मामले विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े हैं। इनमें से 3768 मामले जम्मू जिले में और 1431 श्रीनगर जिले में लंबित हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य में पहली बार दो पारिवारिक अदालतों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में राज्य के दोनों राजधानी जम्मू और श्रीनगर में एक-एक पारिवारिक अदालत की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। दोनों अदालतों में विभिन्न श्रेणियों के 29-29 पद भी मंजूर किए गए हैं।
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक हुई। इसमें राज्य के मुख्य सचिव, चारों सलाहकार और राज्यपाल के प्रमुख सचिव ने भाग लिया। एसएसी द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक, राज्य के अन्य जिलों में भी घरेलू ङ्क्षहसा, विवाद और विवाह संबंधी विभिन्न पारिवारिक मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए पारिवारिक अदालतें बनेंगी। पहले चरण में सिर्फ जम्मू और श्रीनगर में इन्हें स्थापित किया जाएगा। इन अदालतों में संबंधित पक्षों के बीच सुलह-सफाई के जरिए भी मामलों को हल करने को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर पारिवारिक अदालत अधिनियम को राज्य में नवंबर 2018 में लागू किया गया था। राज्य हाईकोर्ट ने जम्मू में तीन और श्रीनगर में तीन व अन्य जिलों में एक-एक पारिवारिक अदालत की स्थापना का आवश्यक स्टाफ के साथ प्रस्ताव दिया था।
12 हजार मामले विभिन्न अदालतों से लंबित पड़े
राज्य में इस समय पारिवारिक विवादों से जुड़े करीब 12 हजार मामले विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े हैं। इनमें से 3768 मामले जम्मू जिले में और 1431 श्रीनगर जिले में लंबित हैं। इन दोनों अदालतों के लिए मंजूर किए गए पदों में जिला जज, ङ्क्षप्रसिपल कौंसलर, कौंसिलर, सेक्शन आफिसर, डाटा एंट्री आपरेटर, सुपरिंटेंडेंट विटनेस असिस्टेंस, सुपरिंटेंडेंट विटनेस मीडिएशन, सुपरिंटेंडेंट फॉर लीगल एड, नाजिर, चालक, जमादार, सफाई कर्मी, चौकीदार, सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर, अहलीमद, अर्दली, मध्यस्थता के लिए अर्दली, न्यायिक सहायता के लिए अर्दली और जम्मू व श्रीनगर में अर्दली के पद शामिल हैं।
छह आइएएस अफसर पदोन्नत
राज्य प्रशासनिक परिषद ने वर्ष 1987 से 1989 बैच के छह आइएएस अधिकारियों को पदोन्नत किया है। राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पदोन्नति पाने वाले छह आइएएस अधिकारियों में दो 1987 बैच के हैं। दो आइएएस अधिकारी 1988 व दो अन्य 1989 बैच के अधिकारी हैं। वर्ष 1987 बैच के प्रदीप कुमार त्रिपाठी, सुधांशु पांडे, 1988 बैच के संदीप कुमार नायक व अरुण कुमार मेहता के अलावा 1989 बैच के अटल डुल्लू व उमंग नरुला हैं। इन सभी को पहली फरवरी 2019 से अपेक्स स्केल प्रदान किया गया है। प्रदीप कुमार, सुधांशु पांडे व संदीप कुमार केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इन्हें प्रोफार्मा बेस पदोन्नति दी गई है। अरुण कुमार, अटल डुल्लू अपने विभाग में वित्तायुक्त होंगे। जबकि उमंग नरुला राज्यपाल के वित्तायुक्त होंगे।
होम्योपैथिक मेडिकल अफसरों की पदोन्नति को मंजूरी
राज्य प्रशासनिक काउंसिल ने एलोपैथिक, आयुर्वेदिक की तर्ज पर होम्योपैथिक मेडिकल अधिकारियों को पदोन्नति देने को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में होम्योपैथिक मेडिकल अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतर पदोन्नति देने पर मुहर लगा दी। इस समय एलोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों को ही निर्धारित समय के भीतर पदोन्नति देने का प्रावधान है। वर्ष 2006 में होम्योपैथिक मेडिकल अधिकारियों के 30 पद स्थापित किए गए थे। हर जिला अस्पताल में दो पद और जम्मू व श्रीनगर के मेडिकल कॉलेजों में एक-एक पद सृजित किया गया था। मेडिकल अधिकारियों को पदोन्नति के फैसले का फायदा 2007 में लगाए गए 16 मेडिकल अधिकारियों को भी होगा।
वेटेनरी फार्मासिस्ट, स्टाक असिस्टेंट के 400 पद भरेंगे
राज्य प्रशासनिक परिषद ने पशुपालन विभाग में वेटेनरी फार्मासिस्ट, स्टाक असिस्टेंट के 400 पद भरने पर मुहर लगा दी। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एसएसी ने सितंबर 2019 में 400 पद सृजित किए थे। अब इन 400 पदों में से 220 को वेटेनरी फार्मासिस्ट नामित किया गया, जबकि 180 स्टाक असिस्टेंट की हैं। इनमें से 218 पद डायरेक्ट कोटा के हैं। 110 वेटेनरी फार्मासिस्ट व 108 स्टाक असिस्टेंट के पद हैं। एसआरओ 202 के तहत ये पद भरने के लिए एसएसआरबी को सौंप दिए जाएंगे। बाकी 182 पद पदोन्नति नियमों के तहत भरे जाएंगे।
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