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Coronavirus: क्वारंटाइन केंद्रों में बढ़ रहा संक्रमण का खतरा, एमए स्टेडियम क्वारंटाइन केंद्र से 3 संक्रमितों की पुष्टि

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि जब एक ही जगह पर बहुत से लोगों को रखा जाता है तो उनमें संक्रमण की आशंका अधिक रहती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 05:54 PM (IST)
Coronavirus: क्वारंटाइन केंद्रों में बढ़ रहा संक्रमण का खतरा, एमए स्टेडियम क्वारंटाइन केंद्र से 3 संक्रमितों की पुष्टि

जम्मू, रोहित जंडियाल। प्रशासन ने कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जो क्वारंटाइन केंद्र बनाए थे, अब वहीं पर संक्रमण के मामले सबसे अधिक आ रहे हैं। पिछले चौबीस घंटे में मौलाना आजाद स्टेडियम में बने क्वारंटाइन केंद्र से ही तीन मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इससे इन केंद्रों में रह रहे मरीजों में भी दहशत है और अब वे प्रशासन से घरों में क्वारंटाइन केंद्रों में भेजने की मांग कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग भी बाहर से आ रहे लोगों को सरकारी क्वारंटाइन केंद्रों में भेजने के स्थान पर घरों में ही क्वारंटाइन केंद्रों में भेजने के पक्ष में नजर आ रहा है।

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स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तीन मई तक जम्मू जिला पूरी तरह से कोरोना मुक्त था। सभी 26 मरीजों को जांच के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद चार मई को जम्मू जिले में एक मामला आया। गुढ़ा बख्शीनगर की महिला पाजिटिव आई। इसके बाद जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में मामले आना शुरू हो गए। चार मई के बाद जम्मू में 20, उधमपुर में पांच, सांबा मेंं आठ, कठुआ से 33, रामबन में 22, रियासी में दो, राजौरी में तीन और पुंछ में दो मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से सिर्फ छह मामले ही ऐसे हैं जो कि बाहरी प्रदेशों से नहीं आए हैं। 97 मामले बाहरी राज्यों या फिर उनके संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए हैं। सोमवार को जम्मू संभाग के कुल बारह मामले आए, उनमें सभी की ट्रैवल हिस्ट्री बाहरी प्रदेशों की ही है। यह सभी ट्रेन या फिर बस से जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में पहुंचे हैं। यहां पहुंचते ही उन्हें क्वारंटाइन केंद्रों में रखा था।

इन क्वारंटाइन केंद्रों में रखे मरीज जैसे ही पाजिटिव आते हें तो पूरे केंद्र में दहशत का माहौल उत्पन्न हो जाता है। गत सोमवार को एमए स्टेडियम में रखी एक महिला पाजिटिव आई तो उसके साथ अन्य रखे गए पांच परिजनों को तुरंत वहां से हटा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि जब एक ही जगह पर बहुत से लोगों को रखा जाता है तो उनमें संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में जब इनमें से एक पाजिटिव आता है तो अन्य में दहशत उत्पन्न होना स्वभाविक है। उनका कहना है कि बाहर से आने वाले मरीजों के टेस्ट करके उन्हें घरों में क्वारंटाइन रखना चाहिए। इससे लोगों में दहशत कम होगी और एक संक्रमित से अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका भी कम होगी।

डिप्टी कमिश्नर के समक्ष उठा मुद्दाः बाहर से आ रहे विद्यार्थियों, श्रमिकों व अन्य लोगों को सरकारी क्वारंटाइन केंद्रों में रखने के स्थान पर घरों में ही क्वारंटाइन करने का मुद्दा जम्मू की डिप्टी कमिश्नर के समक्ष भी उठा। सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने डिप्टी कमिश्नर से यह कहा कि बाहर से आ रहे श्रमिकों व विद्यार्थियों को सैंपल लेने के बाद घरों में भेज दिया जाए। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। मगर उनका कहना है कि इससे लोगों में दहशत कम होगी।

नहीं हैं पर्याप्त सुविधाएंः प्रशासन ने बेशक क्वारंटाइन केंद्रों में सभी सुविधाएं मुहैया करवाने का दावा किया है लेकिन अभी भी इन केंद्रों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। सौ से दौ सौ लोगों के लिए मात्र दो से तीन वाशरूम ही हैं। यही नहीं एक साथ एक ही हाल में बेशक उन्हें गैप बनाकर रखा गया है लेकिन कई बार एक दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। यही नहीं खाने को लेकर भी शिकायतें हैं। कई लोग खाना भी सही नहीं देने का आरोप लगाते हैं। कुछ का तो यह आरोप है कि कुछ होटलों में भी एक ही कमरे में दो-दो को रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि एक क्वारंटाइन केंद्र में सौ के करीब लोग हैं। किसी को यह नहीं मालूम कि कौन संक्रमित हैं। ऐसे में अगर उनमें से एक भी संक्रमित हें तो उससे अन्य के संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है। घर में लोग बेहतर ढंग से क्वारंटाइन होकर रह सकते हैं।


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