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जम्मू विश्वविद्यालय में श्री गुरु नानक देव की जम्मू-कश्मीर व लद्दाख यात्रा पर जल्द शुरू होगी रिसर्च

जम्मू विश्वविद्यालय में श्री गुरु नानक देव जी चेयर स्थापित होने के बाद जल्द ही उनकी जीवनी विचारधारा पर रिसर्च का काम शुरू हो जाएगा। चेयर श्री गुरु नानक देव की जम्मू कश्मीर और लद्दाख यात्रा पर रिसर्च भी करेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जो विश्वविद्यालय के चांसलर भी है

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 04:30 PM (IST)
जम्मू विश्वविद्यालय में श्री गुरु नानक देव जी की जीवनी, विचारधारा पर रिसर्च का काम शुरू हो जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू विश्वविद्यालय में श्री गुरु नानक देव जी चेयर स्थापित होने के बाद जल्द ही उनकी जीवनी, विचारधारा पर रिसर्च का काम शुरू हो जाएगा। चेयर श्री गुरु नानक देव की जम्मू कश्मीर और लद्दाख यात्रा पर रिसर्च भी करेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जो विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं, ने कुछ दिन पहले चेयर स्थापित करने को मंजूरी दी थी।

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उच्च शिक्षा विभाग ने श्री गुरु नानक देव जी के 550 वे प्रकाशोत्सव पर चेयर स्थापित करने की घोषणा की थी। सरकार ने इसके लिए पच्चीस लाख रुपये मंजूर किए है। कोरोना से उपजे हालात के कारण चेयर स्थापित करने के काम में देरी हुई है। फिलहाल स्थायी रूप से चेयर प्रोफेसर किसी को नहीं बनाया गया है मगर इंग्लिश विभाग की प्रो. सतनाम कौर को इसका इंचार्ज चेयर प्रोफेसर बनाया गया है ताकि शुरुआती काम शुरू किया जाए। चेयर पंजाबी विभाग में स्थापित की गई है। चेयर की इंचार्ज प्रोफेसर सतनाम कौर ने कहा कि अभी स्टाफ की नियुक्ति होनी है।

श्री गुरु नानक देव जी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरुवाणी, उनके संदेश, मौजूदा दौर में श्री गुरु नानक देव जी के संदेश की प्रासंगिकता, श्री गुरु नानक देव जी जीवनी, उनका जम्मू कश्मीर का आना आदि अनेक पहलुओं पर रिसर्च होगी। हमने शुरुआती दौर में एक वेबिनार आयोजित कर विशेषज्ञों के विचार हासिल किए थे। चूंकि कोरोना के कारण इस समय सेमीनार या कार्यशाला करवाना संभव नहीं था। जैसे ही पंजाबी विभाग चेयर का कामकाज सुचारू कर देगा तो कार्य शुरू हो जाएगा।चेयर स्थापित हाेने के बाद जल्द ही कार्यालय बनेगा और चेयर हेड समेत अन्य पदों को भरने की अधिसूचना जारी होगी। बताते चले कि लद्दाख में गुरुद्वारा पत्थर साहिब है जो श्री गुरु नानक देव जी लद्दाख यात्रा का प्रतीक माना जाता है। इतिहास से पता चलता है कि श्री गुरु नानक देव जी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला के मट्टन में भी आए थे। उसके बाद रामनगर से होते हुए जम्मू के जसरोटा से हाेते हुए पाकिस्तान गए थे। जम्मू कश्मीर के सिख संगठनों की लम्बे समय से मांग चली आ रही थी कि जम्मू विश्वविद्यालय में श्री गुरु नानक देव जी चेयर स्थापित की जाए।  


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