स्कॉलरों के लिए पीएचडी व एमफिल पर काम करने की चुनौती
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में जम्मू कश्मीर के विश्वविद्यालयों में रिसर्च गतिविधियां प्रभावित होकर रह गई हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में जम्मू कश्मीर के विश्वविद्यालयों में रिसर्च गतिविधियां प्रभावित होकर रह गई हैं। रिसर्च स्कॉलर अपने घर चले गए हैं। हॉस्टलों को बंद कर दिया गया है। दूरदराज और ग्रामीण इलाकों के रिसर्च स्कॉलरों के लिए विश्वविद्यालयों में पहुंचना मुश्किल हो गया है। इसके लिए मूवमेंट पास व ट्रांसपोर्ट की भी समस्या आडे़ आ रही है। ऐसे में स्कॉलरों के लिए पीएचडी और एमफिल पर काम करना आसान नहीं होगा।
हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने गत दिनों 30 फीसद स्टाफ के साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में काम करने का आदेश जारी किया है, जिसमें रिसर्च गतिविधियों को चलाने के लिए कहा गया है। इसमें स्कॉलरों को शारीरिक दूरी बनाते हुए काम करने के लिए कहा गया है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को एक शेड्यूल तैयार करना होगा। अभी तक विश्वविद्यालय अपने आपको खोलने के लिए तैयार नहीं कर पाए हैं। विश्वविद्यालयों को पहले साफ सफाई और सैनिटाइजेशन का काम शुरू करना है।
जम्मू कश्मीर में जम्मू व कश्मीर विश्वविद्यालय के अलावा श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटड़ा भी है। इसके अलावा दो कृषि विश्वविद्यालय और दो केंद्रीय विश्वविद्यालय भी हैं। इन विश्वविद्यालयों में रिसर्च स्कॉलरों की संख्या नौ हजार से अधिक है। जम्मू विवि और कश्मीर विवि में ही 2500 से अधिक रिसर्च स्कॉलर हैं। इस समय साइंस विषयों को छोड़ कर आर्ट्स व अन्य विषयों का काम ऑनलाइन हो रहा है। इसके लिए स्कॉलर अपने गाइड से संपर्क में हैं। पुस्तकों के अलावा आवश्यक सामग्री इंटरनेट से रिसर्च जनरल से भी हासिल कर रहे हैं, लेकिन लैब और फील्ड वर्क रुक चुका है।
----------------- स्कॉलर ऑनलाइन कर रहे काम : प्रो. तलत अहमद
कश्मीर विवि श्रीनगर के वाइस चांसलर प्रो. तलत अहमद ने कहा कि हमने ऑनलाइन काफी प्रबंध किए हैं, लेकिन इंटरनेट की टूजी स्पीड आड़े आ रही है। रिसर्च स्कॉलरों की समस्याओं को देखते हुए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। स्कॉलर ऑनलाइन तरीके से काम कर रहे हैं। स्कॉलर ऑनलाइन तरीके से थीसिस का काम भी कर रहे : प्रो. नरेश पाधा
जम्मू विवि में डीन रिसर्च प्रो. नरेश पाधा का कहना है कि जम्मू विवि में 1200 से अधिक पीएचडी और एमफिल रिसर्च स्कॉलर हैं। स्कॉलर ऑनलाइन तरीके से थीसिस का काम भी कर रहे हैं। प्रोफेसर स्कॉलरों को आवश्यक दिशानिर्देश दे रहे हैं। रिसर्च गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने के लिए इंफारमेशन टेक्नोलॉजी को मजबूत करना होगा। स्कॉलरों को रोटेशन पर बुलाने के लिए नीति बनानी होगी : चिब
रिसर्च स्कॉलर नितिन शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन थोड़ा बहुत काम चल रहा है। जम्मू विवि के स्कॉलर राजेश चिब ने कहा कि इस समय विश्वविद्यालय पहुंचने के लिए मूवमेंट पास और ट्रांसपोर्ट की सुविधा चाहिए। रिसर्च स्कॉलरों को रोटेशन पर बुलाने के लिए नीति बनानी होगी। स्कॉलर दीपक का कहना है कि जब तक लॉकडाउन खुल नहीं जाता तब तक रिसर्च गतिविधियों को बहाल करना मुश्किल है।