Kashmir: मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई को लेकर जामिया मस्जिद के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन
उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से कहा कि अब जबकि हालात सामान्य हो चुके हैं अधिकतर राजनीतिक नेताओं धार्मिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों को रिहा कर दिया गया है तो ऐसे में मीरवाइज को अभी तक क्यों नजरबंद रखा गया है।
श्रीनगर, जेएनएन। अंजुमन-ए-औकाफ जामिया मस्जिद और सैयद अहमद नक्शबंदी ने आज जामिया मस्जिद के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर राज्यपाल मनोज सिन्हा से कश्मीर के प्रमुख मौलाना मीरवाइज उमर फारूक की नजरबंदी को हटाकर उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की।
जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद अंजुमन-ए-औकाफ और सैयद अहमद नक्शबंदी के साथ नमाजी भी इसमें शामिल हुए। सैयद अहमद नक्शबंदी जिसे इमाम-ए-हाई भी कहा जाता है, ने कहा कि मीरवाइज को पिछले साल अनुच्छेद 370 हटने के बाद 5 अगस्त से ही घर में नजरबंद किया गया है। उन्हें घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है।
उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से कहा कि अब जबकि हालात सामान्य हो चुके हैं, अधिकतर राजनीतिक नेताओं, धार्मिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों को रिहा कर दिया गया है तो ऐसे में मीरवाइज को अभी तक क्यों नजरबंद रखा गया है। उन्होंने उनकी रिहाई की मांग की ताकि वह अपने धार्मिक कार्यों का नियमित रूप से जारी रख सकें। उन्होंने कहा कि मीरवाइज केवल एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि धार्मिक उपदेशक भी हैं। उन्हें इस तरह चार दीवारी में सीमित कर देना धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप ही माना जाएगा।
उन्होंने इस बात पर भी रोष जताया कि ईद-ए-मिलाद उन नबी (SAW) सहित अन्य शुभ दिनों में प्रशासन ने मीरवाइज को लोगों को संबोधित करने की अनुमति न देकर हजारों लोगों की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने एक बार फिर उपराज्यपाल व प्रशासन से अपील की कि वह मीरवाइज की नजरबंदी के आदेश को रद कर उन्हें तत्काल रिहा करें ताकि वह अपनी धार्मिक गतिविधियों का पालन कर सकें। प्रदर्शनकारी ने इस दौरान हाथों में बैनर भी पकड़े थे जिसपे मीरवाइज साहब को रीहा करो के नारे लिखे हुए थे।