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कबाइली हमले के विरोध में रिफ्यूजियों ने मनाया ब्लैक डे

जागरण संवाददाता जम्मू 22 अक्टूबर 1947 को कश्मीर पर पाकिस्तानी कबाइली हमले के विरोध में

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:54 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:54 AM (IST)
कबाइली हमले के विरोध में रिफ्यूजियों ने मनाया ब्लैक डे
कबाइली हमले के विरोध में रिफ्यूजियों ने मनाया ब्लैक डे

जागरण संवाददाता, जम्मू : 22 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर पर पाकिस्तानी कबाइली हमले के विरोध में गुलाम कश्मीर के रिफ्यूजियों ने जम्मू में ब्लैक डे मनाया। रिफ्यूजियों के हक के लिए लड़ रही एसओएस इंटरनेशनल के बैनर तले काफी संख्या में रिफ्यूजी तवी पुल पर स्थित महाराजा हरि सिंह के प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए, जहां उन्होंने कबाइली हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

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एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुनी ने कहा कि हमें अपने बुजुर्गों पर गर्व हैं। वे जम्मू कश्मीर के रक्षक थे, जिन्होंने निहत्थे होकर भी कबाइलियों और पाकिस्तानी सेना का डटकर मुकाबला किया और जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान के कब्जा करने के सपने का चकनाचूर किया। चुनी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों, बच्चों यहां तक कि महिलाओं ने भी अपने प्राणों का बलिदान देकर देश के इस मुकुट की रक्षा की, लेकिन अफसोस की बात यह है कि सात दशक बीत जाने के बाद भी हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटने के बाद भी रिफ्यूजियों के साथ भेदभाव समाप्त नहीं हुआ है। आज भी हमारे कई रिफ्यूजी परिवार कैंपों में रह रहे हैं। रिफ्यूजियों ने जंतर-मंतर पर पाकिस्तान का पुतला भी जलाया। इस मौके पर सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन भी किया गया और कबायली हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।

अपने वादे पूरे करे मोदी सरकार

चुनी ने कहा कि राज्य सरकार ने रिफ्यूजी परिवारों को 25 लाख रुपये राहत राशि, रिफ्यूजियों के बच्चों को कॉलेजों व नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला किया था लेकिन सरकार ने अभी तक नौकरियों व कॉलेजों में दाखिले की बात ही नहीं की। वहीं रिफ्यूजियों के लिए जारी 9096 करोड़ में से सिर्फ 200 करोड़ ही अभी तक मंजूर किए गए हैं। चुनी ने कहा कि मोदी सरकार ने जो वादे किए थे, उनको जल्द पूरा किया जाए।

चीन और पाकिस्तान गुलाम कश्मीर में नहीं कर सकते निर्माण कार्य

चुनी ने गुलाम कश्मीर में हो रहे निर्माण कार्यो पर विरोध जताते हुए कहा कि वह इलाका जम्मू कश्मीर का है। उस पर चीन या पाकिस्तान कोई निर्माण नहीं कर सकते। उन्होंने केंद्र सरकार से गिलगित व बाल्टिस्तान को भी अपने कब्जे में लेने की मांग की। इस मौके पर रोमी शर्मा ने रिफ्यूजियों को स्मार्ट कार्ड जारी करने की मांग करते हुए कहा कि इससे उनकी पहचान आसान होगी।


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