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जम्मू : बारिश का पानी खेतों में होने लगा जमा, नहरी क्षेत्र में गेंहू की फसल पर संकट

यहां खेतों की बनावट ऐसी रहती कि पानी नही रुकता। लेकिन नहरी क्षेत्रों में ज्यादा तर पानी की निकासी नीर बन पाती।किसानों का कहना है कि इस बार एक तो मौसम की मार के चलते वैसे भी गेहूं की बिजाई देरी से हुई थी।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:38 PM (IST)
जम्मू : बारिश का पानी खेतों में होने लगा जमा, नहरी क्षेत्र में गेंहू की फसल पर संकट
अधिकांश खेतों में पानी की निकासी नही हो पा रही।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पिछले दो दिनों से जारी बारिश ने नहरी क्षेत्रों में गेहूं की फसल पर संकट बना दिया है। बारिश से खेतों में पानी भर आया है। पहले ही पिछली बारिश से खेतों में भरपूर नमी बनी हुई थी। अब और बारिश होने से खेत पानी से लबालब हैं और इससे गेहूं की फसल पर संकट हैं। इससे फसल के पीला होने का डर बना हुआ है। लेकिन कंडी इलाकों में बारिश फसलों के लिए वरदान मानी जा रही है।

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यहां खेतों की बनावट ऐसी रहती कि पानी नही रुकता। लेकिन नहरी क्षेत्रों में ज्यादा तर पानी की निकासी नीर बन पाती।किसानों का कहना है कि इस बार एक तो मौसम की मार के चलते वैसे भी गेहूं की बिजाई देरी से हुई थी। बाद में बारिश नही होने से फसल खेतों से ही उठ नही पाई। लेकिन जब बारिश हुई तो लगातार जारी रही जिससे खेतों में अतिरिक्त नमी जमा होती रही। अब बारिश का सिलसिला ही नही थम रहा और निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसल पर संकट बन ही गया है । आरएस पुरा, मढ़, अरनिया, मंडाल, अरनिया, सांबा के निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसल संकट में आ गई है।

अधिकांश खेतों में पानी की निकासी नही हो पा रही। किसानों का कहना है कि रविवार दिन भी बारिश का है। ऐसे में किसान परेशान हैं। बडुई गांव के किसान शाम सिंह का कहना है कि बागवानी के लिए फसल बहुत अच्छी है। लेकिन निचले इलाकों में गेहूं की फसल पर संकट बन आया है। हालांकि कंडी क्षेत्र की गेहूं की फसल को बारिश से बल मिला है क्योंकि वहां पानी जमा होने की संभावना नही रहती। लेकिन नहरी इलाकों के खेतों में हर ओर पानी ही पानी है। वहीं बारिश के कारा गाेभी की फसल पर असर पड़ेगा। गोभी का फूल खुल जाएगा। साग सब्जी को भी असर पड़ा है। प्लांट हेल्थ क्लीनिक के इंचार्ज अरुण खजुरिया ने कहा कि अब किसानों को सचेत रहना होगा। जहां जहां खेतों में पानी जमा है, की निकासी बनानी होगी। अगर पानी निकाल देंगे तो फसलों को नुकसान होने की गुजांइश नही रहेगी।


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