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ठंड से कांप रहे बेसहारा, रैन बसेरा संचालन को एनजीओ ढूंढ रहा जेडीए

दिनेश महाजन, जम्मू मंदिरों के शहर में अब तक ठंड से दो लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। इ

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 06:00 AM (IST)
ठंड से कांप रहे बेसहारा, रैन बसेरा संचालन को एनजीओ ढूंढ रहा जेडीए
ठंड से कांप रहे बेसहारा, रैन बसेरा संचालन को एनजीओ ढूंढ रहा जेडीए

दिनेश महाजन, जम्मू

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मंदिरों के शहर में अब तक ठंड से दो लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन अभी तक बेसहारा लोगों को हाड़ कंपाने वाली ठंड से बचाने के लिए गंभीर होता नहीं दिख रहा। रात के समय सर्द हवाओं ने शहरवासियों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन और समाजसेवी संगठन आगे आते नहीं दिख रहे हैं। शीतलहर की सबसे अधिक मार विक्षिप्त लोगों (मनोरोगियों) पर पड़ती है।

जम्मू की बोरिया बस्ती (कासिम नगर) में बेसहारा एवं गरीब लोगों को ठंड से बचाने के लिए जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने रैन बसेरे का निर्माण किया है। हालांकि रैन बसेरा का निर्माण अपनी दो डेडलाइन का पार कर चुका है। जेडीए के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अनिल पंडोई का कहना है कि रैन बसेरे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसका संचालन करने के लिए समाज सेवी संगठनों (एनजीओ) से इसे चलाने के लिए आवेदन किया गया है। जैसे ही कोई एनजीओ आगे आएगा, उसी समय रैन बसेरा काम करना शुरू कर देगा। अब प्रश्न उठता है कि सर्द रातों में लोगों को ठंड से बचाने के लिए रैन बसेरा तो बन कर तैयार है, लेकिन उसका संचालन करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा।

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जेडीए डोरमेट्री पुलिस को सौंपी

शहर के मुख्य बस अड्डे में कई बार रात के समय बाहरी क्षेत्रों में जाने वाले यात्री फंस जाते हैं। ऐसे यात्रियों को सस्ते दाम पर रात गुजराने के मकसद से जेडीए ने जम्मू बस अड्डे में पहली मंजिल में में तीन हाल एवं डोरमेट्री का निर्माण किया है। जरूरतमंद लोगों के सिर छुपाने के लिए बनी इस डोरमेट्री को जेडीए ने पुलिस विभाग को सौंप दिया है। इससे बस अड्डे में फंसने वाले गरीब यात्री वहां बने प्लेटफार्म पर सोने को मजबूर हैं। वहीं, रेलवे स्टेशन में बनी डोरमेट्री में भुगतान कर यात्री रात गुजार सकते हैं। हालांकि रेलवे स्टेशन परिसर में बने प्रतीक्षा केंद्र में कई यात्री खुद के बिस्तर का प्रबंध कर रात गुजारते हैं।

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ठंड से हर वर्ष होती हैं मौतें

वर्ष 2016 में ठंड के कारण 24, 2017 में 16 लोगों की जान गई थी। इस साल भी अब तक दो लोगों की ठंड से जान जा चुकी है। आने वाले दिनों में कोहरा पड़ने के साथ ही ठंड और बढ़ जाएगी। ऐसे में खुले आसमान में सड़क किनारे सोने वाले बेसहारा लोगों की मुसीबत बढ़ेगी।

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-तीन सौ लोगों के ठहरने की व्यवस्था

केंद्र सरकार की मदद से तत्कालीन राज्य सरकार ने बोरिया बस्ती में रैन बसेरे के निर्माण मार्च वर्ष 2017 में शुरू किया था। इसमें तीन सौ लोगों को ठहरने की जगह मिल सकेगी। फुटपाथों, खुले में सोने वालों की जान ठंड में बच सकेगी। रैन बसेरे का निर्माण जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) द्वारा किया जा रहा है। सौ बिस्तर वाले इस रैन बसेरे में डोरमेट्री, किचन, डाइ¨नग हाल, शौचालय होंगे। इसकी अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये है। रैन बसेरे का निर्माण कार्य मार्च 2018 तक पूरा होना था, जो संभव नहीं हो पाया। इसके बाद सितंबर तक काम पूरा होने का लक्ष्य तय किया गया, अब दिसंबर में निर्माण पूरा होने की बात की जा रही है।


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