ट्रायल के छह माह बाद भी शुरू नहीं हुई रेलवे की लिफ्ट
दिनेश महाजन, जम्मू खून-पसीने की कमाई से सरकार को टैक्स देने वाली जनता के रुपयों के दुरुपयोग का
दिनेश महाजन, जम्मू
खून-पसीने की कमाई से सरकार को टैक्स देने वाली जनता के रुपयों के दुरुपयोग का मामला जम्मू रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रहा है। यात्रियों विशेष कर बुजुर्ग और दिव्यांगों की सुविधा के नाम पर जम्मू रेलवे स्टेशन में करीब छह माह पूर्व 30 रुपये खर्च कर लिफ्ट लगाई गई थी। गैर योजनाबद्ध तरीके से लगाई गई इस लिफ्ट का अब उपयोग ही नहीं हो रहा। यह लिफ्ट अब सफेद हाथी बन कर रह गया है।
जम्मू रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित अनारक्षित रेल टिकट काउंटर के पीछे प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जाने के लिए सीढि़यां बनी हुई हैं। टिकट काउंटर के दाहिनी ओर बनी सीढि़यों के साथ ही रेलवे प्रबंधन ने लिफ्ट लगाई थी। मात्र एक मंजिल चढ़ने के लिए लगाई गई यह लिफ्ट अब प्रयोग में ही नहीं लाई जा रही। उसका मुख्य कारण है कि लिफ्ट का संचालन करने के लिए रेल प्रबंधन ने किसी कर्मचारी को नियुक्त ही नहीं किया है। इसके अलावा प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर जाने वाले यात्रियों को वहां लिफ्ट लगे होने की जानकारी देने के लिए कोई बोर्ड भी नहीं लगा है। लिफ्ट के सफल ट्रायल को छह माह हो गया है, लेकिन अभी तक लिफ्ट को चलाया ही नहीं गया है। रेल अधिकारियों की मानें तो इंजीनियरिग विभाग के कुछ अधिकारियों ने इस लिफ्ट का प्रयोग किए बिना ही इसे दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने का सुझाव तक दे दिया है।
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-तीस लाख रुपये हुए थे खर्च
जम्मू रेलवे स्टेशन में लगाई गई लिफ्ट को लगाने में 28 लाख रुपये का खर्च आया था। इसके अलावा दो लाख रुपये के करीब का खर्च लिफ्ट लगाने के बाद उसे प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए बनाए गए ढांचे में लगा था। लिफ्ट लगाने वाली कंपनी के साथ एक वर्ष तक उसकी मरम्मत करने का समझौता भी हुआ है, लेकिन समय बीता जा रहा है और यह समझौते का समय भी लिफ्ट को प्रयोग में लाए बिना बीत रहा है। लिफ्ट का एक समय में सात से आठ यात्री प्रयोग कर सकते हैं। -एकदूसरे पर झाड़ रहे पल्ला
फिरोजपुर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू रेलवे स्टेशन पर लगी लिफ्ट का स्थान उनसे पूर्व आए अधिकारी ने मंजूर किया था। उन्होंने हाल ही में जम्मू रेलवे स्टेशन का दौरा किया था और लिफ्ट के प्रयोग न होने का मामला उनके संज्ञान में भी आया था। उन्होंने जम्मू रेलवे स्टेशन में तैनात अधिकारियों को इस बाबत जरूरी दिशा निर्देश दिए थे।
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-लिफ्ट के संचालन के लिए कर्मचारी नहीं
स्टेशन सुपरिटेंडेंट राकेश सभ्रवाल का कहना है कि जम्मू रेलवे स्टेशन में उनके पास पहले ही स्टाफ की कमी है। ऐसे में एक कर्मचारी को लिफ्ट के संचालन के लिए पूरा दिन तैनात कर पाना उनके लिए मुमकिन नहीं है।
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