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Rahul Gandhi In Jammu : आरएसएस-भाजपा जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति को खत्म कर रहे: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति भाईचारे पर आक्रमण किया गया उसे कमजोर बनाया गया जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा छिना गया। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भाजपा के लोगों से यह सवाल पूछें कि वे शक्तियों को नष्ट क्यों कर रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 02:46 PM (IST)
Rahul Gandhi In Jammu : आरएसएस-भाजपा जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति को खत्म कर रहे: राहुल गांधी
गरीब आदमी के लिए परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति, आपसी भाईचारे को भाजपा व आरएसएस के लोग तोड़ने का काम कर रहे हैं। इससे आप लोग कमजोर हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था, पर्यटन, व्यापार को चोट लगी है।

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जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर आए राहुल गांधी ने दिल्ली रवाना होने से पहले आज शुक्रवार पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया। श्री माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा में तीन पिंडियों के रूप में विराजमान मां दुर्गा, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी का जिक्र करते हुए कार्यकर्ताओं को अर्थ समझाते हुए केंद्र की नीतियों को कटघरे में खड़ा किया। राहुल गांधी ने कहा कि मां दुर्गा का रूप शक्ति, मां लक्ष्मी का रूप लक्ष्य को पूरा करना और मां सरस्वती का रूप विद्या-ज्ञान को दर्शाता है। जिस घर या देश में ये तीनों हों, वहां तरक्की होती है।

केंद्र सरकार ने नोटबंदी से देश की शक्ति को कम कर दिया। जीएसटी से मां लक्ष्मी की शक्ति कम हुई, किसान विरोधी तीन कानून लाकर मां दुर्गा की शक्ति को कम कर दिया। देश के शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के लोगों को बैठा दिया गया है, जिससे मां सरस्वती की शक्ति भी कम हुई है। जो लोग अपने-आप को हिंदू धर्म का ठेकेदार कहते हैं, वे ही इन शक्तियों को कम करने में लगे हुए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मिलीजुली संस्कृति, भाईचारे पर आक्रमण किया गया, उसे कमजोर बनाया गया, जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा छिना गया। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भाजपा के लोगों से यह सवाल पूछें कि वे शक्तियों को नष्ट क्यों कर रहे हैं। 

हिंदू, मुस्लिम, सिख समुदाय में हाथ के चिन्ह का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह आशीर्वाद का चिन्ह नहीं बल्कि ये चिन्ह यह दर्शाता है कि हमें सच्चाई पर चलना चाहिए और किसी से डरना नहीं चाहिए। कांग्रेस के चिन्ह का भी यही मतलब है। कार्यकर्ताओं को सच सभी के सामने रखते समय किसी से डरने की जरूरत नहीं। भाजपा सच्चाई से डरती है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग को दोहराते हुए पूर्व यूपीए सरकार की मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून का जिक्र किया। पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के समय जम्मू-कश्मीर में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह काम नेताओं की नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं की देन है।

हमने ये काम कार्यकर्ताओं की शक्ति को लेकर किया है। हमें अपने कार्यकर्ताओं की शक्ति का आदर करना है। जिस दिन हमारे दिल में यह बात आ गई कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की आवाज सुनी जाती है, तो उस दिन कांग्रेस 100-200 नहीं बल्कि 400 सीटें जीतकर सत्ता में आएगी।

राहुल गांधी ने कहा कि सुबह उनके साथ कश्मीरी विस्थापित पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। मैं कहना चाहता हूं कि मेरा परिवार भी कश्मीरी पंडित है। मैं झूठ नहीं बोलता, मैं विश्वास दिलाता हूं कि कश्मीरी पंडितों की मदद करके दिखाऊंगा। इससे पहले राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत जय माता दी, के नारे के साथ करते हुए कहा कि मेरे पत्रकार मित्रो। उन्होंने मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप मित्रों का काम तो करते हो लेकिन हमारा नहीं, उनका। राहुल गांधी का इशारा सत्ताधारी पार्टी की तरफ था। इस सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, प्रदेश प्रधान जीए मीर, जम्मू-कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल, सहित अन्य वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।

जम्मू-कश्मीर आकर मुझे लगता है मैं घर गया हूं: राहुल गांधी ने कहा कि जब भी मैं जम्मू-कश्मीर में आता हूं मुझे ऐसा लगता है कि मैं घर आ गया हूं। मेरे परिवार का जम्मू-कश्मीर से पुराना रिश्ता है। इसीलिए यहां के लोगों की समस्याएं-परेशानियां उनकी अपनी हैं। कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर को उसका हक मिलने तक केंद्र के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेगी। जम्मू-कश्मीर को जब तक राज्य का दर्जा वापस नहीं मिल जाता, वे शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा श्रीनगर, उसके बाद जम्मू, अब वह लद्दाख जाने की योजना बना रहे हैं। जल्द ही वह लद्दाख के लोगों के बीच जाएंगे और उनसे भी मिलेंगे।


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