Jammu: अवैध निर्माण निगम की कार्यप्रणाली पर लगा रहे प्रश्न चिन्ह, 20 महीनों में 1697 नक्शे पास किए
कॉरपोरेटर प्रीतम सिंह ने कहा कि शहर भर में धड़ल्ले से निर्माण जारी हैं। यह बिना अनुमति के कैसे हो रहे हैं। इन सभी के सवालों के जवाब में निगम आयुक्त ने इस पर प्रूफ जमा करवाने को कहा था ताकि कार्रवाई की जा सके।
जम्मू, अंचल सिंह: मंदिरों के शहर जम्मू में इन दिनों इमारतों के निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं। ऐसा संभव नहीं कि हर इमारत का नक्शा पास हुआ हो। साफ है कि अधिकतर इमारतें अवैध तरीके से बन रही हैं। अधिकारियों और राजनीतिक मिलीभगत के बिना कोई भी इमारत शहर में बन पाना संभव नहीं। चार ईंटें लगानी हों तो निगम की टीमें मौके पर पहुंच जाती है। ऐसे में साफ है कि अवैध कंक्रीट के यह जंगल मिलीभगत से फैल रहे हैं।
कॉरपोरेटर भी बार-बार इस मसले पर निगम प्रशासन को घेर रहे हैं। पिछली जनरल हाउस की बैठक में कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने कहा था कि हाउस कमेटी ने अवैध इमारतें दिखाते हुए पूर्व निगम आयुक्त को इन्हें तोड़ने को कहा था लेकिन उन इमारतों में शट्टर तक लग गए। वहीं कॉरपोरेटर पवन सिंह ने भी खिलाफवर्जी सेक्शन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि गरीब लोगों को कमरा तक नहीं बनाने दिया जाता और बड़ी इमारतें अवैध तरीके से बन रही हैं। कॉरपोरेटर प्रीतम सिंह ने भी अवैध निर्माण होने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि शहर भर में धड़ल्ले से निर्माण जारी हैं। यह बिना अनुमति के कैसे हो रहे हैं। इन सभी के सवालों के जवाब में निगम आयुक्त ने इस पर प्रूफ जमा करवाने को कहा था ताकि कार्रवाई की जा सके।
छह महीनों में 103 अवैध निर्माण तोड़े: निगम आयुक्त ने जनरल हाउस में जवाब दिया है कि मार्च 2020 से अभी तक ऐसे 103 अवैध निर्माण तोड़े गए। इतना ही नहीं निगम 27 अवैध इमारतों को सील भी किया गया। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि पिछले पांच वर्षों में 3966 बिल्डिंग प्लान मंजूर किए गए। इसके बावजूद जिसने उल्लंघन किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि जिन चार अवैध इमारतों को चिन्हित किया गया, उनमें से 3 के नक्शे पास थे और तीन ढांचों को सील कर दिया गया। इसके अलावा दो मामले अदालत के विचाराधीन हैं।
20 महीनों में 1697 नक्शे हुए पारित: जम्मू नगर निगम का कहना है कि मार्च 2019 से लेकर नवंबर 2020 तक 1697 बिल्डिंग परमिशन दी गईं। कुल 2357 लोगों ने आवेदन किया। फिलहाल 840 केस निगम में लंबित हैं। कॉरपोरेटर रजनी बाला के सवाल में निगम ने यह जानकारी जनरल हाउस की बैठक में उपलब्ध करवाई। रजनी ने श्हर में अवैध निर्माणों पर सवाल उठाते हुए निगम से जानकारी मांगी थी। अलबत्ता कॉरपोरेटरों के बार-बार सवाल उठाने के बाद अब पास होने वाले नक्शों की जानकारी निगम की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
हर बार जनरल हाउस की बैठक में उठता है मुद्दा: जब से कॉरपोरेटर चुनकर आएं हैं और जनरल हाउस की बैठक हो रही है, अवैध निर्माण मुद्दा बनता आ रहा है। अधिकारियों को इमारतें दिखाने, दौरे करवाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होना भी जनरल हाउस में मुद्दा बन चुका है। पूर्व निगम आयुक्त पंकज मंगोत्रा को साथ लेकर कॉरपोरेटरों ने शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध निर्माणों को दिखाया था लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई।