एयरपोर्ट विस्तारीकरण की सीमा में आ रहे लोगों का प्रदर्शन
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जागरण संवाददाता, जम्मू: एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों ने राज्य प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सुंजवां में जो प्लॉट दिए गए हैं, वह कोई विवादित जमीन है या फिर कोई बड़ा घपला है। शायद इसी कारण वहां प्लॉट के अलाटमेंट लेटर व अन्य मूलभूत सुविधाएं अभी वहां उपलब्ध नहीं करवाई गईं।
मंगलवार को तवी पुल के नजदीक महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के सामने एयरपोर्ट के आसपास के लोगों ने ज्वांइट एक्शन कमेटी के तत्वावधान में प्रदर्शन किया। लोगों का तर्क है कि राज्य प्रशासन ने एयरपोर्ट विस्तारीकरण के चलते उन्हें अपने मकान की एवज में जो प्लॉट सुंजवां में उपलब्ध करवाएं हैं, वहां न तो बिजली है और न ही पानी। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होकर रह गई है। अभी कुछ दिन पहले ही सैन्य कर्मियों ने इलाके में मार्च भी निकाला। लोगों का कहना है कि उन्हें फिलहाल थोड़ा समय दिया जाए क्योंकि इस समय बच्चों के पेपर आने वाले है। वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा कि सुंजवां एक वीरान जगह है। वहां यातायात की कोई सुविधा भी नहीं है। इस प्रदर्शन के दौरान जाट सभा के प्रधान मंजीत सिंह, पूर्व एमएलसी सुरेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक गारू चौधरी, एडवोकेट जसमीत कौर पांडेय भी शामिल हुए। उन्होंने भी इन प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। मंजीत सिंह ने कहा कि हम मोदी से पूछना चाहते हैं कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों को जबरन उठाया जा रहा है। 61 परिवारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर इनके साथ न्याय नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए सचिवालय का घेराव भी करेंगे। पहले पानी-बिजली सुविधाएं मिलें
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाए कि राज्य प्रशासन रानी बाग इलाके के गरीब लोगों से अन्याय कर रहा है। उन्हें अपने मकानों से बेघर किया जा रहा है। इससे बच्चों के दिलों दिमाग में दिन रात एक ही चिता सता रही है कि खाली पड़े वीरान इलाके में वे कैसे रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि कि एयरपोर्ट के पास रहने वाले करीब 350 बेघर किए जाने वाले लोगों को पहले पानी और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि वे इलाके में पिछले चार-पांच दशकों से रह रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। उन्होंने जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान से गुहार लगाई कि उनकी उचित मांगों पर गौर किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि 33 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की अफवाहें फैल रही हैं जो पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने परिवारों के पुनर्वास के लिए करीब एक साल का समय देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि अब अनुच्छेद 370 हट गया है, लिहाजा उन्हें मुआवजा मिले और न्याय किया जाए। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने न्याय नहीं मिलने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।