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Jammu : श्मशानघाट की भूमि पर कब्जे के विरोध में तहसील कार्यालय के मुख्य गेट पर जड़ दिया ताला

बिश्नाह में श्मशान भूमि पर कब्जे के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय गणमान्य लोगों ने हंगामा किया। वे लोग शुक्रवार को तहसीलदार से मिलना चाह रहे थे लेकिन तहसीलदार ने समय नहीं दिया तो तहसील कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 08:00 PM (IST)
बिश्नाह में श्मशान भूमि पर कब्जे के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

बिश्नाह, संवाद सहयोगी : बिश्नाह में श्मशान भूमि पर कब्जे के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय गणमान्य लोगों ने हंगामा किया। वे लोग शुक्रवार को तहसीलदार से मिलना चाह रहे थे, लेकिन तहसीलदार ने समय नहीं दिया तो तहसील कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के विरोध को देखते हुए तहसील कार्यालय से तहसीलदार सहित कई कर्मचारी रफूचक्कर हो गए। घंटों डटे प्रदर्शनकारियों ने फिर डीसी जम्मू से संपर्क कर मसले का हल निकालने की मांग की। उसके बाद आश्वासन पर धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ। दरअसल, श्मशानघाट की जमीन के पुराने विवाद को सुलझने के लिए वीरवार को बिश्नाह तहसील प्रशासन की तरफ से निशानदेही की गई थी, लेकिन उससे स्थानीय लोग असंतुष्ट हैं।

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धरने की अगुआई करने वालों में नगरपालिका अध्यक्ष बिश्नाह राजन शर्मा, व्यापार मंडल के प्रधान पंडित नारायण दत्त शर्मा, ब्राह्मण सभा के प्रधान श्यामलाल सदोत्रा, भारतीय किसान मोर्चा के राज्य उपप्रधान सतीश भारती, प्रेमपाल शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। नगरपालिका अध्यक्ष बिश्नाह राजन शर्मा ने बताया कि उन्होंने कई बार तहसील प्रशासन को लिखा है कि बिश्नाह श्मशानघाट की जमीन पर एक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा है। कब्जा छुड़ाने के लिए कोई नोटिफिकेशन निकाला जाए, लेकिन तहसील प्रशासन की मिलीभगत के कारण टालमटोल किया जाता रहा। इससे लोगों का गुस्सा बढ़ता गया। श्मशानघाट को कब्जामुक्त करवाने के बजाय तहसील प्रशासन बार-बार नई-नई अड़चनें डालता रहा।

उन्होंने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए वे लोग तहसील कार्यालय बिश्नाह पहुंचे तो तहसीलदार कार्यालय को छोड़कर निकल गए। लेकिन जब तक मसला हल नहीं होगा तब तक धरने पर डटे रहेंगे। व्यापार मंडल के प्रधान पंडित नारायण दत्त शर्मा ने कहा कि प्रशासन जानबूझकर मसले को लटका रहा है। यदि यहां टकराव हो जाएगा तो सारी जिम्मेदारी तहसीलदार की होगी। उन्होेंने कहा कि श्मशानघाट की निशानदेही की रिपोर्ट सार्वजनिक करें। जो जगह तिलक राज नाम के व्यक्ति ने कब्जा किया है, उसे छुड़ाया जाए नहीं तो हम खुद उस पर कोई फैसला लेंगे। उनका आरोप है कि तहसील प्रशासन ने एक व्यक्ति से मिलकर मोटी रकम ली है, जिसके चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सतीश भारती ने कहा कि कस्बावासी खुद मसला सुलझाना भी जानते हैं, लेकिन वह पहले कानून व्यवस्था पर अपना भरोसा जता रहे हैं। श्मशानघाट की जगह की निशानदेही कर उसकी चारदीवारी की जाए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार बिश्नाह सोहन लाल राणा, एसडीएम साउथ अभिषेक अबरोल और नायब तहसीलदार की मिलीभगत के कारण इंसाफह नहीं मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। घंटों प्रदर्शन के दबाव के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की।

एसडीएम ने स्वीकारा छह मरला जमीन पर है कब्जा, एक-दो दिन में हटाएंगे

तहसीलदार ने लिखित में प्रदर्शनकारियों को दिया तिलक राज नाम के व्यक्ति ने श्मशानघाट की छह मरले जमीन पर कब्जा किया हुआ है। उसे कब्ज़ा मुक्त करने के लिए नगरपालिका कार्यकारी अधिकारी अजय सांगड़ा से सुरक्षा की मांग की है। तहसीलदार ने अनुमति दे दी है। एक-दो दिन में ही उस जगह को कब्जा मुक्त किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद लोगों ने धरना प्रदर्शन हटा लिया। इस मौके पर नगरपालिका के उपाध्यक्ष रमेश लाल, इदू महाजन, प्रदीप गुप्ता, प्रेम सदोत्रा,चरणदास नेहरा, देवराज सहित कई लोग मौजूद थे।


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