जम्मू कश्मीर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना घोषणा के बाद भी नहीं शुरू हो पाई
जम्मू कश्मीर में स्मार्ट बिजली मीटरों को लगाने की घोषणा के बाद परियोजना को आगे बढ़ाने में बिजली विभाग अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है। कोरोना काल के बाद बेशक केंद्र शासित प्रदेश में कई परियोजनाओं और विकास गतिविधियों को तो गति मिल गई है
जम्मू, जागरण संवाददाता।जम्मू कश्मीर में स्मार्ट बिजली मीटरों को लगाने की घोषणा के बाद परियोजना को आगे बढ़ाने में बिजली विभाग अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है। कोरोना काल के बाद बेशक केंद्र शासित प्रदेश में कई परियोजनाओं और विकास गतिविधियों को तो गति मिल गई है, लेकिन मीटरों को ट्राॅयल के आधार पर लगाने की प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो पाई है । विभाग की ओर से जम्मू कश्मीर में 2 लाख बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया बीते जुलाई माह में शुरू करनी थी । विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोविड के कारण परियाेजना समय पर नहीं शुरू हो पाई ।
पारदर्शी मीटरिंग न होने से नुकसान झेलना पड़ रहा है
जम्मू कश्मीर में पारदर्शी मीटरिंग व्यवस्था न होने से प्रदेश को बिजली का घाटा नुकसान झेलना पड़ रहा है। ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) घाटे को कम करने और शत-प्रतिशत मीटरिंग करने में नाकाम रहा है। यह टीएंडडी कुल राष्ट्रीय के 48 फीसद नुकसान का 18 फीसद नुकसान प्रदेश से झेलना पड़ता है ।केंद्र शासित प्रदेश में 50 फीसद उपभोक्ता बिजली के मीटरों पर हैं ।
बिजली विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कसंल ने बीते जून माह में बैठक के दौरान संबधित एजेंसियों को निर्देश दिए थे कि जम्मू और श्रीनगर शहरों में बराबर की संख्या में बिजली के मीटर बांटे जाएं ।कंसल जम्मू कश्मीर पॉवर डवेल्पमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के चैयरमेन भी हैं । यहां बता दे कि प्रदेश में पन बिजली परियोजना की अनुमानित क्षमता 20 हजार मैगावाट है । जिसमें से करीब 16475 मैगावाट का ही दोहन हो पा रहा है ।इसमें 11283 मैगावाट चिनाब दरिया से 3084 दरिया झेलम से, 500 मैगावाट दरिया रावी से और दरिया सिंधू से 1608 बिजली का दोहन हो रहा है ।