कश्मीर में निजी लैंडलाइन सेवा बनी कमाई का जरिया
11 सितंबर को वादी में लैंडलाइन फोन सेवाएं बहाल की गई। वादी में लैंडलाइन फोन सेवा के उपभोक्ता काफी कम हैं जिनके पास लैंडलाइन फोन सेवा है उनके लिए ये कमाई का जरिया बन गया है।
श्रीनगर, संवाद सहयोगी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कश्मीर में मोबाइल फोन सेवा बंद होने के बाद अब लैंडलाइन फोन सुचारु है। कुछ लोग मौके का फायदा उठाकर दो-दो हाथ कमाई करने लगे हैं। वे एक मिनट बात करने का 10 रुपये वसूल रहे हैं। हालांकि, राज्य प्रशासन की ओर से लैंडलाइन सुविधा पुलिस थानों, डीसी कार्यालयों के अलावा सुरक्षाबल भी निशुल्क मुहैया करवा रहे हैं।
पांच अगस्त को 370 हटने के बाद कश्मीर में संचार सेवाएं ठप कर दी थी। कश्मीर के हालात सामान्य होने के बाद 17 अगस्त को कुछ जिलों में लैंडलाइन फोन सेवा बहाल की गईं। 11 सितंबर को वादी में लैंडलाइन फोन सेवाएं बहाल की गई। वादी में लैंडलाइन फोन सेवा के उपभोक्ता काफी कम हैं जिनके पास लैंडलाइन फोन सेवा है उनके लिए ये कमाई का जरिया बन गया है। उन्होंने घरों के लैंडलाइन फोन को व्यावसायिक बना दिया है। मुहम्मद सिद्दीक गुजरी नामक व्यक्ति ने कहा कि मुझे अपने बेटे से जो राजस्थान में पढ़ाई कर रहा है, से बात करनी थी।
डीसी ऑफिस श्रीनगर चला गया। वहां भीड़ थी। एक टेलीफोन बूथ पर गया तो पांच मिनट बात करने के लिए 50 रुपये वसूले। याकूब ने कहा कि बेंगलुरु में काम कर रहे उसके भाई से 5-7 मिनट बात करने के लिए 80 रुपये वसूले गए। सलमान अली ने कहा कि उसकी बहन दिल्ली के अपालो अस्पताल में भर्ती है। प्रतिदिन 70-80 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। डीसी ऑफिस या थाने में बेशक फोन करना मुफ्त रखा गया। वहां भारी भीड़ रहती है।