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Illegal Mining In Kashmir : बड़गाम जिले में शालीगंगा नदी में रेत-बजरी के खनन पर निजी कंपनी को रोक

Illegal Mining In Kashmir जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट बडग़ाम को इस आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित बनाना है। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण मुआवजे को तय करने संंबंधी निर्देश को भी कार्यान्वित करना होगा।

By naveen sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Fri, 30 Sep 2022 08:34 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 08:34 AM (IST)
Illegal Mining In Kashmir : बड़गाम जिले में शालीगंगा नदी में रेत-बजरी के खनन पर निजी कंपनी को रोक
एनकेसी प्रोजेक्ट प्राइवेट कंपनी को शालीगंगा में किसी भी प्रकार के खनन से रोका जाए।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बड़गाम जिले में शालीगंगा नदी में एक निजी कंपनी द्वारा रेत-बजरी के उत्खनन पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट बडग़ाम को शालीगंगा में लघु खनिजों समेत किसी भी प्रकार के खनन पर पाबंदी को सुनिश्चित बनाने का निर्देश दिया है।

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एनजीटी ने शालीगंगा में रेत-बजरी के खनन पर पाबंदी का आदेश पर्यावरणिवद राजा मुजफ्फर बट की याचिका पर बुधवार को सुनाया है। मुजफ्फर बट ने शालीगंगा नदी में खनन के लिए पर्यावरण अनुमति को चुनौती थी। अधिकरण ने पर्यावरण अनुमति को निरस्त करते हुए कहा कि एनकेसी प्रोजेक्ट प्राइवेट कंपनी को शालीगंगा में किसी भी प्रकार के खनन से रोका जाए।

जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट बडग़ाम को इस आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित बनाना है। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण मुआवजे को तय करने संंबंधी निर्देश को भी कार्यान्वित करना होगा।

एनजीटी के मुताबिक कंपनी 29 जुलाई को अपने जवाब में बताया कि वह खनन स्थल तक पहुंचने के लिए ही जेसीबी और लोडरों को इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि रास्ते में कई बड़ी चट्टानें हैं, जिन्हें श्रमिकों द्वारा नहीं हटाया जा सकता। इसके अलावा जेसीबी और लोडर का इस्तेमाल डंपर, ट्रक और टिप्पर में खनन सामग्री और बड़े बडे बोल्डरों की लदाई के लिए ही होता है।

इस पर एनजीटी ने कहा कि संबंधित कंपनी के वकील यह बताने में असमर्थ रहे हैं है कि खनन के दौरान निकाले गए बोल्डर अगर आकार और वजन में ज्यादा होने के कारण श्रमिकों द्वारा डंपर या ट्रक में नहीं चढ़ाए जा सकते तो फिर ऐसे बोल्डरों को कैसे खननस्थल से मशीनों के इस्तेमाल के बिना कैसे निकाला गया।

इसके अलावा प्रदेश पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिकरण जम्मू कश्मीर ने भी पर्यावरण अनुमति प्रदान करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया और संवैधानिक प्रविधानों का पालन नहीं किया है। एनजीटी के मुताबिक, नदी में रेत-बजरी को निकाले जाने से खतरनाक नतीजे निकलेंगे। 


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