Jammu Kashmir : अजोला फार्मिंग से मवेशियों के लिए खुराक तैयार करें
अजोला (हरे चारे की खेती ) फार्मिंग करके मवेशियों के लिए पौष्टिक आहार जुटाया जा सकता है। यह आहार पानी में तैरते हुए ही तैयार होता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । अजोला (हरे चारे की खेती ) फार्मिंग करके मवेशियों के लिए पौष्टिक आहार जुटाया जा सकता है। यह आहार पानी में तैरते हुए ही तैयार होता है। कृषि विशेषज्ञ अरुण जराल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अजोला फार्मिंग से तैयार खुराक प्रोटीन, मिनरल, अमीनो एसिड से भरपूर है। इसलिए माल मवेशी के लिए बेहतर खुराक है। इसे तैयार करने की विधि आसान है। जम्मू में कुछ किसान इस तरह की खेती करने लगे हैं।
बस किसानों को 10 गुणा 10 फुट का गड्ढा करना है और दो फुट तक गहरा करना है। फिर तल व साइडों पर प्लास्टिक शीट से कवर करना है । यह इसलिए ताकि इस गड्ढे में डाला गया पानी टिका रहे। पानी बाहर न आए, इसलिए किनारों पर प्लास्टिक शीट से बांध की शक्ल दी जाए। अब अलग से एक किलो उपजाऊ मिट्टी लें और इसे पांच किलो पानी में डाल दें और अच्छी तरह से हिलाएं ताकि यह घोल बन जाए। बाद में इसे गढ्ढे में डाल दें। वहीं एक किलो कच्चा गोबर लिया जाए और पांच किलो पानी में मिलाकर इसे हिलाएं ताकि घोल बन जाए और बाद में इसे गड्ढे में डाल दें। अब अजोला का एक किलो बीज लें और गड्ढे में डाल दें। साथ में 100 ग्राम सिंगर सुपर फासफेट, 500 ग्राम बायो फर्टीलाइजर भी डाल दें। गड्ढे में पानी भरना शुरू कर दें और बस थोडी सी कसर छोड़कर इसे उपर तक भर दें।
अब बीज अपने आप कई गुणा बढ़ते जाएंगे। पानी के ऊपर तैरती हुई हरी हरी जलकाई आपको दिखेगी। यही तो मवेशी हरा चारा है। लगाने के 20 दिन बाद यह चारा तैयार हो जाता है। बस इसे छानकर निकाल लें। मोटे बीज ही निकालने हैं छोटे बीज मदर सीड हैं और इसे पानी में फिर डाल दिया जाए। पानी से निकाली जाने वाली यह घास प्रति मवेशी गाए भैंस को आधा से एक किलो तक ही खिलाएं। पोल्ट्री बर्ड को 100 ग्राम तक दें।